Thunderclap in MP: देश में सबसे अधिक आकाशीय बिजली (वज्रपात) मध्य प्रदेश में गिरती है। राष्ट्रीय वैमानिकी और अन्तरिक्ष प्रबंधन (NASA) के डेटा के मुताबिक पूर्वी भारत की ब्रह्मपुर घाटी में अप्रैल से मई के बीच दुनिया में सबसे अधिक बिजली गिरती है। वार्षिक लाइटनिंग रिपोर्ट 2021-2022 के मुताबिक मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सबसे अधिक आकाशीय बिजली गिरती है।
जबकि, बिहार और उत्तर प्रदेश ने मध्य प्रदेश से आधे स्ट्राइक के साथ दोगुना नुकसान उठाया है। क्लाइमेंट रेजिलिएंट ऑब्जर्विंग सिस्टम प्रमोशन काउंसिल (CRPOC) की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में ही सबसे अधिक बिजली गिरी है। यह हर साल होता है। इसके बाद छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल हैं।
Table of Contents
Toggleइन कारणों से गिरती है यहां सबसे अधिक बिजली
मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि किसी विशेष जगह के वायुमंडल में हवा और बादल के कारण अस्थिरता होती है तो इन क्षेत्रों में अधिक बिजली गिरने का डर बना रहता है। इसकी पहली वजह है कि कितनी ऊंचाई पर बादल बन रहा है। दूसरी वजह है कि मल्टीलेयर क्लाउड बनने की वजह। दरअसल, इसमें एक के ऊपर एक बादल के लेयर होते हैं। इन लेयर के आपस में टकराने से उस इलाके में अधिक बिजली गिरने की आशंका रहती है।
बिजली गिरने की क्या है वजह
भीषण गर्मी के मौसम में बादलों में मौजूद बर्फ के छोटे-छोटे कण भारी संख्या में पॉजिटिव और निगेटिव आवेश से भर जाते हैं। यह बादलों का इलेक्ट्रिकली चार्ज होना कहा जाता है। पॉजिटिव आवेश से भरे कण बादलों में ऊपर की ओर और निगेटिवली चार्ज कण नीचे की ओर जमा होते हैं। इनकी संख्या धीरे-धीरे बहुत अधिक हो जाती है।
उधर,धरती पॉजिटिव चार्ज वाली होती है और विपरीत आवेश एक दूसरे को खींचते हैं। मतलब बादलों का निगेटिव चार्ज धरती के पॉजिटिव चार्ज की ओर आना चाहता है, लेकिन कुचालक हवा रोके रहती है, लेकिन जब बादलों की निचली ओर पर मौजूद निगेटिव चार्ज काफी बढ़ जाता है तो लाखों वोल्ट के करंट के साथ धरती पर आ जाती है, जिसे हम सभी बिजली गिरना कहते हैं।