ढोल ताशे, डीजे, घोड़े आदि तामझाम के साथ शाही अंदाज में बाबा श्री रणजीत हनुमान जी सोने के रथ में सवार होकर इंदौर की सड़कों पर श्रद्धालुओं को शुक्रवार सुबह दर्शन देने निकले, लाखों की संख्या में भक्तो ने बाबा के जयकारे के साथ प्रभात फेरी निकाली।
इंदौर के पश्चिम क्षेत्र में 137 वर्ष पुरानी परंपराओं का धर्म ध्वजा फहराने के साथ निर्वाहन हुआ। हाथों में भगवा ध्वजा लिए महिलाएं…पुरुष…। जय रणजीत के जयकारों की गूंज…। जिधर भी देखे हनुमान के भक्तों की भीड़…। रणजीत हनुमान मंदिर से सुबह 5 बजे निकली प्रभातफेर 7 घंटे बाद दोपहर 12 बजे रणजीत हनुमान मंदिर पहुंची।
इस दौरान प्रभात फेरी ने 7 किमी का सफर तय किया। रास्ते भर सैकड़ों मंच से बाबा के स्वर्ण रथ का स्वागत किया गया। जमकर फूल बरसाए गए। इस प्रभात फेरी को अब तक की सबसे बड़ी प्रभात फेरी बताया जा रहा है। इसमें डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु शामिल होने का अनुमान है।
मंदिर पहुंचते ही हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने जयश्री राम, जय हनुमान, जय रणजीत के नारे लगाए। ढोल बजाकर मंदिर में स्वागत किया गया। बता दे रणजीत अष्टमी के मौके पर 137वें साल में ये प्रभात फेरी निकल रही है। मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास और अन्य पुजारीगण बाबा की विग्रह प्रतिमा को मंदिर से बाहर स्वर्ण रथ पर लेकर आए। पूरे विधि-विधान के साथ बाबा के विग्रह को रथ में विराजित किया गया।
रथ और उसके आसपास भव्य आतिशबाजी भी की। रथ के आगे भजन मंडलियों के बीच भजनों की प्रस्तुति देते हुए कलाकार आगे बढ़े। जो भक्त प्रभात फेरी में दर्शन नहीं कर सके उन्होंने विभन्न सोशल मीडिया माध्यम से बाबा रणजीत के दर्शन किए।