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बगैर अधिकारी और विभागीय मंत्री के हो गए लोकार्पण, स्‍थानीय अधिकारियों ने कटवा लिए फीते

बगैर अधिकारी और विभागीय मंत्री के हो गए लोकार्पण, स्‍थानीय अधिकारियों ने कटवा लिए फीते

आशीष यादव/धार – प्रदेश में इन दिनों विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है। सरकार का पूरा ध्‍यान सत्‍ता में वापसी पर है। यहीं कारण है कि सरकार में मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में रहकर अपनी जमीन मजबूत करने में लगे है। इस कारण भूमिपूजन और लोकार्पण भी धड़ाधड़ हो रहे है। ऐसेे ही लोकार्पण धार जिले में भी हुए है।

लेकिन यहां पर हुए लोकार्पण में जिले के बड़े अधिकारियों की गैर मौजूदगी के साथ ही विभागीय मंत्री और प्रभारी मंत्री की भी अनुपस्थिति नए सवालों को जन्‍म दे गई है। इससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं जोरों पर है कि प्रदेश के साथ-साथ तहसील स्‍तर के भी ब्‍यूरोकेट्स अब प्रोटोकॉल का पालन करने में दिलचस्‍पी नहीं रखते है।

ये वे ब्‍यूरोकेट है जो तहसीलों में जिले के सर्वोच्‍च अधिकारी के प्रतिनिधि के तौर पर काम करते है। लेकिन अब हालात यह है कि ये प्रतिनिधि अपने सर्वोच्‍च अधिकारी की भी अनदेखी करने से बाज नहीं आते दिख रहे है। बात करें सरदारपुर की तो यहां पर प्रतिनिधि के तौर पर काम करने वाले अधिकारी ने अपने हिसाब से पूरी दुकान चला रखी है।

हाल ही में यहां पर जिले के मंत्री द्वारा भवन का लोकार्पण करवाया गया है। इसमें भी जिले के अधिकारियों की गैर मौजूदगी प्रशासनिक गलियारों में नई चर्चाओं को जन्‍म दे रही है। साथ ही विभागीय मंत्री को आमंत्रित न करना भी भोपाल में प्रतिनिधि के लिए नाराजगी का विषय बन गई है।

बगैर अधिकारी और विभागीय मंत्री के हो गए लोकार्पण, स्‍थानीय अधिकारियों ने कटवा लिए फीते

सरदारपुर के प्रतिनिधि की बात करें तो इनके कई किस्‍से इन दिनों चर्चा में है। खासतौर पर जमीन की खेती कर मोटा मुनाफा करने वालों के लिए यह अच्‍छे प्रतिनिधि अब तब साबित हुए है। बीते कुछ वक्‍त में सरदारपुर में प्रशासन के प्रतिनिधि ने कई कॉलोनियों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया है। लेकिन कॉलोनियों से सरकार के राजस्‍व को कोई फायदा नहीं हुआ है। सूत्र बताते है कि कोराना के बाद जिस तरह से अर्थव्‍यवस्‍था उबरी उसी तरह सरदारपुर ब्‍लॉक में कॉलोनियां यानी जमीन की खेती करने वाले कारोबारियों की फसल भी अच्‍छी आई।

इससे प्रदेश सरकार के हालिया में शुरू किए गए उस अभियान को भी धक्‍का लगा है, जो अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए चलाया जा रहा है। जिस तरह अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए सरकार ने अभियान चलाया, उसके उलट यहां पर तेजी से अवैध कॉलोनियां विकसित हुई और हो रही है।

सूत्र बताते है कि इसमें प्रतिनिधि की भेंट पूजा होने के कारण सभी कारोबारियों को वरदहस्‍त दिया गया। इसका परिणाम यह सामने आया कि बगैर किसी शिकवे शिकायत के काम हुआ और मुख्‍यालय तक बात तक नहीं पहुंची। खैर यह बात अलग है और लोकार्पण की बात अलग…..जो विभाग के मंत्रालय तक पहुंची है।

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