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श्रद्धा मर्डर केस में नार्को से पहले आफताब ऐसे उगलेगा राज, कोर्ट ने दी पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत

नई दिल्ली। मुंबई की श्रद्धा वालकर हत्याकांड में आरोपित आफताब की रिमांड 4 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है। मंगलवार को विशेष सुनवाई के दौरान आफताब ने दिल्ली की साकेत कोर्ट के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। आफताब ने जज को बताया कि उसने जो कुछ भी किया वह ‘Heat of the moment’ था। उसके किसी प्लानिंग के तहत श्रद्धा का कत्ल नहीं किया। 

बतादें कि दिल्ली के मेहरौली में अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की हत्या के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का नार्को टेस्ट से पहले पॉलीग्राफ टेस्ट होगा. पॉलिग्राफिक टेस्ट के लिए दिल्ली पुलिस ने एफएसएल यानी विधि विज्ञान प्रयोगशाला से संपर्क किया है. एफएसएल में आफताब के पॉलिग्राफिक टेस्ट की सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं. एफएसएल की तरफ से कहा गया कि नार्को टेस्ट से पहले आफताब का पॉलिग्राफिक टेस्ट किया जाएगा. सूत्रों की मानें तो दिल्ली पुलिस को श्रद्धा वालकर हत्या मामले के आरोपी आफताब पूनावाला का पॉलीग्राफ टेस्ट करने के लिये अदालत से इजाजत मिल गई है।

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एफएसएल में ही सहायक निदेशक पुनीत पुरी के मुताबिक, आफताब का आज पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा. इसके बाद चिकित्सा जांच की जाएगी और इसके बाद ही नार्को परीक्षण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 10 दिनों के भीतर नार्को किया जाएगा. दिल्ली की एक अदालत ने 17 नवंबर के एक आदेश में दिल्ली पुलिस को पांच दिनों के भीतर नार्को विश्लेषण परीक्षण पूरा करने का निर्देश दिया था, जबकि यह स्पष्ट किया था कि वह उस पर (आरोपी पर) ‘थर्ड डिग्री’ का उपयोग नहीं कर सकती है।

पोलिग्राफिक टेस्ट क्या है

पोलिग्राफिक टेस्ट मनोवैज्ञानिकक रिस्पांस के आधार पर होता है. यह तब होता है जब यह लगने लगता है कि कोई शख्स झूठ बोल रहा है या उसकी बातें असल तथ्यों से अलग हैं. इसमें कोई इंजेक्शन नहीं दिया जाता. ना ही शरीर के साथ कोई उपकरण लगाकर पल्स रेट, रक्त चाप और दूसरी हरकतों को रिकॉर्ड करते हैं।

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नार्को टेस्ट में एक दवा (जैसे सोडियम पेंटोथल, स्कोपोलामाइन और सोडियम एमाइटल) को नस के जरिये दिया जाता है, जिसके कारण ऐसा करवाने वाला व्यक्ति एनेस्थीसिया (निश्चेतना) के विभिन्न चरणों में चला जाता है. सम्मोहन (हिप्नोटिक) अवस्था में, व्यक्ति कम हिचकिचाता है और उसके द्वारा जानकारी को प्रकट करने की अधिक संभावना होती है, जो आमतौर पर सचेत अवस्था में प्रकट नहीं होती है. जांच एजेंसियां ​​इस परीक्षण का उपयोग तब करती हैं जब अन्य सबूत मामले की स्पष्ट तस्वीर प्रदान नहीं कर पाते हैं।

पुलिस के अनुसार, 28 वर्षीय पूनावाला ने 18 मई को श्रद्धा वालकर (27) को कथित तौर पर गला घोंटकर मार डाला था और उसके शरीर के 35 टुकड़े करके दक्षिण दिल्ली के महरौली स्थित अपने आवास पर लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर के फ्रिज में रखे थे. इन टुकड़ों को वह कई दिनों तक आधी रात के बाद शहर में कई जगहों पर फेंकता रहा था. 12 नवंबर को पुलिस ने आफताब को गिरफ्तार किया था।

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