इंदौर। ब्रिलियंट कंवेशन सेंटर के ग्रेड हॉल में तय समय से डेढ़ घंटे पहले एंट्री रोक दी गई। कई NRI को जिस्ट्रेशन हॉल में ही बैठाकर उनसे कहा गया कि ये स्क्रीन पर ही प्रोग्राम देखें। लंदन के डिप्टी मेयर (बिजनेस) राजेश अग्रवाल 9.45 पर आयोजन स्थल पर पहुंचे। अग्रवाल को भी आयोजन के मुख्य समारोह में जाने से रोक दिया। अग्रवाल करीब 15 मिनट तक अंदर जाने के लिए संघर्ष करते रहे। बाहर मौजूद मीडिया के कुछ लोगों ने उन्हें पहचाना और सुरक्षाकर्मियों से कहा।
काफी देर बाद अंदर के अधिकारियों को फोन लगाया गया। अग्रवाल उन्हें मिला विदेश मंत्रालय का आमंत्रण पत्र भी दिखाते रहे। बाद में उन्हें दूसरे गेट से अंदर दाखिला मिला। खास बात ये है कि अग्रवाल का नाम अतिथियों में शामिल है जिनके साथ प्रधानमंत्री दोपहर में भोजन करेंगे इसके अलावा बताया जा रहा है कि कई अन्य NRI भी जिन्हें प्रवेश देने से रोका गया नाराज हो गए। इनमें स्पेन से आए जगदीश फोबियानी और नाइजीरिया से आए देवेश कुमार मिश्रा शामिल है जिन्हें प्रवेश नहीं दिया गया था।
जेमेका से आया दल नाराज। मंत्री तक वापस लौटे। कहा- भारत सरकार और शिवराज सरकार 3,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था नहीं कर सकती तो ग्लोबल पॉवर कैसे बनेगी?
ये इवेंट जीवी सरकार के मैनेजमेंट पर बहुत बड़ा तमाचा है।
इंदौर आए कुछ अप्रवासी भारतीय व्यवस्था से नाराज़ दिखें… सोशल मीडिया और पत्रकारों के समक्ष ज़ाहिर कर रहे हैं नाराज़गी… जिला प्रशासन का कहना है देरी से आने वाले हैं ये लोग…
हॉल की क्षमता दो हजार, पहुंच गए पांच हजार
दरअसल, सम्मेलन में भाग लेने के लिए 70 देशों से 3500 से अधिक प्रतिनिधियों के पहुंचने की बात हो रही है। हकीकत यह है कि सम्मेलन के लिए रजिस्ट्रेशन पांच हजार से अधिक हुए हैं। आयोजकों के अनुसार ब्रिलियंट कन्वेंशन हॉल की क्षमता अधिकतम 2000 सीटों की है। अंतिम समय में केंद्र सरकार ने रजिस्ट्रेशन ओपन कर दिए थे। इस वजह से कई एनआरआई परेशान हुए। ओपन रजिस्ट्रेशन की वजह से पांच हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन हो गए। कई एनआरआई को गेट के बाहर खड़े रहना पड़ा। स्थिति बिगड़ती देख बड़ी संख्या में एनआरआई को महाकाल और अन्य जगह पर्यटन के लिए भेजा गया है।
प्रवासियों का गुस्सा भड़का
आयोजन स्थल ब्रिलियंट कन्वेंशन हॉल में क्षमता से अधिक एनआरआई पहुंचने की वजह से आयोजकों को प्रवेश रोकना पड़ा। साथ ही प्रधानमंत्री के आने से पहले सुरक्षा इंतजामों का भी प्रश्न था। इससे एनआरआई भड़क गए। उन्होंने काफी दिन पहले रजिस्ट्रेशन करा रखा था। उन्हें कहा जा रहा है कि वे सम्मेलन हॉल के बाहर बड़ी स्क्रीन पर ही कार्यक्रम को देखें। इस वजह एनआरआई भड़क गए और मीडिया के सामने अपना गुस्सा उतारते दिखे। एक एनआरआई ने कहा कि हम लाखों रुपये खर्च कर यहां पहुंचे हैं और यहां कहा जा रहा है कि बड़ी स्क्रीन पर देखिये। यह शर्मनाक है। यह तो हम घर पर टीवी पर ही देख लेते। इतने लाखों रुपये खर्च करने का क्या फायदा? एनआरआई के हंगामे के बाद मीडिया को भी कुछ देर के लिए बाहर निकाल दिया गया।
मीडिया को भी बाहर निकाला
हंगामा बढ़ता देख आयोजकों ने कुछ देर के लिए मीडिया को वहां से बाहर किया। देरी से पहुंचे कुछ मीडियाकर्मियों को भी प्रवेश नहीं दिया गया। उन्हें भी सुरक्षाकर्मियों से बहस करते देखा गया। बाद में कुछ एनआरआई प्रतिनिधियों और दिल्ली से आए मीडिया को कन्वेंशन हॉल में प्रवेश दिया गया। तब तक काफी हंगामा होता रहा।
राज्य सरकार ने केंद्र को बताया जिम्मेदार
हंगामा बढ़ता देख राज्य सरकार के अधिकारियों ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया है। राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन दिल्ली से ओपन कर दिया। इससे पांच हजार से अधिक एनआरआई ने पीएम नरेंद्र मोदी को सुनने के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिया। इसमें राज्य सरकार का किसी भी तरह से काम नहीं बचा। अधिकारी इस मामले पर बयान देने से बच रहे हैं। वहीं रजिस्ट्रेशन डोम में एनआरआई की भीड़ और हंगामा सबकुछ खुद ही बयां कर रही है।