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G20 की मेजबानी कर चुके मांडू में रहवासी त्रिपाल के नीचे शवदाह करने को मजबूर

G20 के मेजबानी कर चुके मांडू में रहवासी त्रिपाल के नीचे शवदाह करने को मजबूर (1)

आशीष यादव/धार – एक और तो मांडू जी-20 के विशिष्ट मेहमानों की दो बार मेहमान नवाजी कर चुका है तो वहीं दूसरी ओर मुक्तिधाम जैसी ज्वलंत समस्या मांडू के बाशिंदों को आज भी सता रही है कागजों पर तो यहां पर विकास की गंगा खूब बह गई लेकिन इस गंगा का पानी रेवा कुंड मुक्तिधाम तक नहीं पहुंच सका रेवा कुंड मुक्तिधाम आज भी अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है

गुरुवार रेवा कुंड मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार के लिए मृत्यु के शोक में डूबे हुए दो परिवारों के लोग आंखो में आंसू लिए अपने स्वजन के अंतिम संस्कार के लिए पहुंचते है। एक तरफ एक बेटा अपनी माता को अग्नि देता है तो दूसरी तरफ एक बेटा अपने पिता को मुख्याग्नि देने के लिए जाता है इसी दौरान बारिश शुरू हो जाती है। शोक में डूबे सिर जैसे ही ऊपर देखते हैं तो पता चलता है कि यहां पर शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा है वह खुले आसमान के नीचे हैं। किसी तरह सभी लोग लाठियों के सहारे तिरपाल लगाते हैं और फिर अंतिम संस्कार करते हैं।

20 हजार की आबादी 15 वार्ड सहित 10 गांव के लोग पहुंचते हैं
मांडू की आबादी 15 वार्डों को मिलाकर 20,000 है इसके साथ ही आसपास के 10 गांवों के लोग मांडू के रेवा कुंड मुक्तिधाम पहुंचते हैं पर्याप्त सुविधा ना होने के चलते बारिश के दिनों में तिरपाल लगाकर यहां अंतिम संस्कार किया जा रहा है हाल ही में 2 दिनों में चार शव यात्रा है इस मुक्तिधाम पर पहुंची और तिरपाल में लोगों को अंतिम संस्कार करना पड़ा

मुख्यमंत्री के संज्ञान के बाद भी नहीं सुधरे हालात
मांडू रेवा कुंड मुक्तिधाम का मामला सभी के संज्ञान में मांडू प्रवास पर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मां नर्मदा की पूजा के लिए रेवा कुंड पहुंचे थे और यहां के काफी दुखी और नाराज नजर आए और उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को हिदायत दी उसके बावजूद भी आज मुक्तिधाम के हालात जस के तस है

परिक्रमा वासी नहीं कर पाते हैं आचमन और पूजन
मां नर्मदा का स्थान होने के कारण यहां पर नर्मदा परिक्रमा पर लाखों परिक्रमा वशी नर्मदा परिक्रमा पर यहां पर पहुंचते हैं गंदगी से पटे घाटको देखकर बिना पूजन अर्चन कर दुखी मन से लौट जाते हैं

अनुमति के लिए पत्र लिखेगे।
मुक्ति धाम को लेकर हम अनुमति के लिए पत्र लिखकर जल्दी वहाँ निर्माण करवाएगी जो जनता को परेशान आ रही है उसे दूर करेगी
लाल सिंह राठौर सीएमओ -मांडू

20 हजार की आबादी वाले क्षेत्र में मुक्तिधाम नही होने से लोगो को खुले में ही शव को जलाना पड रहा है। ऐसे में बारिश के दिनो में लोगों को शव जलाने में काफी परेशनीयों का सामना करना पढ रहा है एक दिन पुर्व दो अलग-अलग परिवारो में दो लोगो की मौत हो गई थी ,जिनका अंतिम संस्कार रेवाकुंड स्थित मुक्तिधाम में किया जाना था लेकिन तेज बारिश की वजह से शव को तिरपाल से ढककर जलाया गया। जिम्मेदार आज तक यह अल व्यवस्थित मुक्ति धाम तक का निर्माण नहीं करवा पाए

अंतिम संस्कार का एक वीडिओ सामने आया हैं लोगो का कहना था की कभी कभी तो शव बारिश की वजह से अधुरे ही रहे जाते है, आपको बता दे की यह वही रेवाकुंड है जहाँ का पानी लेकर संत रविदासजी की यात्रा की शुरुआत की गई। स्थानीय लोगो ने मुक्तिधाम को लेकर कई बार आवेदन भी दे चुके है लेकिन अब तक मुक्तिधाम नही बना है जिससे स्थानिय लोगो में भारी आक्रोश है।

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