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किशोर से जबरदस्ती बनाए संबंध, युवती को दस साल की जेल, कोर्ट ने कहा- पाक्सो एक्ट में महिला भी हो सकती है दोषी

इंदौर।

नाबालिग किशोेर का अपहरण कर उसके साथ जबरदस्ती संबंध बनाने के मामले में विशेष अदालत ने एक युवती को पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष कड़ी कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़ित किशोर को 50 हजार रुपए प्रतिकर राशि के रूप में दिलाने की अनुशंसा भी की है। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की कि पॉक्सो एक्ट में महिला भी दोषी हो सकती है, जरूरी नहीं कि हमेशा पुरुष ही दोषी हो।

मामला बाणगंगा पुलिस थाना क्षेत्र का है। युवती की उम्र 19 वर्ष और लडके की 15 वर्ष है। 5 नवंबर को बाणगंगा थानाक्षेत्र में रहने वाली महिला ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई की 3 नवंबर 2018 की रात करीब 8 बजे उसका 15 वर्षीय पुत्र बाजार गया था लेकिन लौटा ही नहीं। आशंका है कि कोई उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है। महिला ने बताया कि वह चूड़ी बनाती है। महिला की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और बालक को तलाशना शुरू कर दिया। काफी तलाश के बाद पुलिस ने किशोर को ढूंढ निकाला। उसने बताया कि राजस्थान निवासी युवती उसे घूमने चलने का बोलकर अपने साथ गुजरात ले गई थी। वहां युवती ने उसे कई बार शारीरिक संबंध बनाने को मजबूर किया। किशोर ने पुलिस को यह भी बताया कि युवती ने मेरा फोन भी अपने पास रख लिया था ताकि मैं माता-पिता से बात न कर सकूं। इस दौरान पैसे के लिए उसने टाइल्स फैक्ट्री में काम भी किया। यह काम भी उसे युवती ने ही दिलाया।

50 हजार रुपए प्रतिकर दिलाने की भी अनुशंसा

जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस ने आरोपी युवती को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ पाक्सो एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया। विशेष न्यायालय ने प्रकरण में फैसला सुनाते हुए आरोपिता को पाक्सो एक्ट में 10 वर्ष कठोर कारावास और तीन हजार रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया। कोर्ट ने फैसले में कहा है कि यह जरूरी नहीं है कि पाक्सो एक्ट में हमेशा सिर्फ पुरुष ही दोषी हो। एक महिला को भी पाक्सो एक्ट के तहत दंडित किया जा सकता है। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से पीड़ित किशोर को 50 हजार रुपए प्रतिकर राशि के रूप में दिलाए जाने की अनुशंसा भी की है।

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