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पूर्व CM दिग्विजय सिंह के साथ मैदान में उतरे कांग्रेसी, रथ रैली निकाल कर किया विरोध प्रदर्शन

इंदौर। कांग्रेस नेताओं पर दर्ज हुए केस और जिलाबदर की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ने मंगलवार को सुखलिया चौराहा से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह नेतृत्व में रथ रैली निकाली।

लंबे समय बाद संभवत: यह पहला मौका था जब हजारों की संख्या में कांग्रेस एकजुट हुए और भाजपा सरकार व नौकरशाही को जमकर कोसा। खास बात यह कि रैली की शुरुआत भाजपा का गढ़ माने जाने वाले विधानसभा 2 के सुखलिया क्षेत्र से हुई और यहीं करीब 4-5 हजार लोग एकत्रित हुए।

इस दौरान करणी सेना ने विधायक रमेश मेंदोला विरोधी नारे लगाए और कहा कि तानाशाही नहीं चलेगी। रैली सुबह 11 बजे शुरू होने थी ली लेकिन दिग्विजयसिंह आधा घंटा देरी से पहुंचे। इस बीच कई नेता अपने समर्थकों को जिनमें काफी संख्या में महिलाएं भी थी, उन्हें बसों में भरकर लाया गया। इस दौरान जिलाबदर किए गए कांग्रेस नेता राजू भदौरिया के सैकडों समर्थक करणी सेना के मौके पर पहुंचे जिससे जाम की स्थिति बन गई और भारी पुलिस बल लगाया। सुबह 11.30 बजे केंद्रीय मंत्री दिग्विजयसिंह की तर्ज पर रैली शुरू हुई लेकिन कुछ मिनिट बाद दिग्वियसिंह रथ में रखी कुर्सी पर बैठ गए और कार्यकर्ताओं की हौंसला अफजाई करते रहे। रैली करीब दो घंटे बाद कमिश्नर ऑफिस पहुंची।

दरअसल, इंदौर में कांग्रेस नेताओं पर दर्ज हुए केस और जिलाबदर की कार्रवाई को वापस लेने के लिए कांग्रेस के नेता कुछ दिन पहले कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा से मुलाकात भी कर चुके हैं, लेकिन कांग्रेसजनों की इस मांग का निराकरण नहीं हुआ। इसके चलते अब कांग्रेस मंगलवार को रैली की शुरुआत की गई। रैली में पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, विजया लक्ष्मी साधौ, जीतू पटवारी, विधायक संजय शुक्ला, पूर्व विधायक प्रेमचंद गुड्‌डू, वरिष्ठ नेता कर कृपाशंकर शुक्ला, शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, विलास विभांडिक, चिंटू चौकसे सहित कई नेता शामिल हुए। सुखलिया से शुरू हुई रैली करीब पौन किमी लंबी थी। इसमें कई मेटाडोर, बसें, जिप्सी, कारें व पहिया वाहनों पर सवार कांग्रेस नारेबाजी करते हुए जा रहे थे। इस दौरान 6 थानों का पुलिस बल था लेकिन इतनी भीड़ रही कि कोरोना प्रोटोकॉल की भी जमकर धज्जियां उड़ाई गई। अधिकांश कांग्रेस मास्क नहीं पहने थे।

रैली में माइक लाउण्ड स्पीकर को धीमी आवाज में बनाने की अनुमति दी गई थी लेकिन खूब शोर शराबा हुआ। रास्ते में कार्यकर्ता ‘भाजपा सरकार को उखाड़ फेंको’, ‘कमलनाथ के नेतृृत्व में फिर सरकार बनाएंगे’, ‘भाजपा मुर्दाबाद’ के नारे लगाए गए। रास्ते में कुछ स्थानों पर मंच लगे थे जहां दिग्विजयसिंह का सम्मान कर वहां से और भी कांग्रेस जुड़ते गए और रैली बड़ी होती गई। खास बात यह कि प्रशासन की अनुमति में स्पष्ट लिखe गया है कि रैली, जुलूस, धरना, प्रदर्शन आदि प्रतिबंधित है, केवल ज्ञापन देने वालों के मामले में 50 की अनुमति होगी लेकिन यह अनुमति कागज पर ही गई और कई गुना लोग शामिल हुए।

रैली को आरएनटी मार्ग, जवाहर मार्ग व एमजी रोड पर अनुमति नहीं होने से रैली सुखलिया से मारुति नगरस, कारसदेव नगर, तीन पुलिया, पाटनीपुरा, मालवा मिल, राजकुमार ब्रिज, श्रम शिविर, न्यू सियागंज, शास्त्री मार्ग होते हुए कमिश्नर ऑफिस पहुंचेगी जहां ज्ञापन दिया जाएगा। कांग्रेस शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के मुताबिक भाजपा सरकार और प्रशासन हिटलर शाही करके कांग्रेसजनों पर लगातार केस दर्ज कर रही है और द्वेषतापूर्ण कार्रवाई कर कांग्रेसजनों को डराने का प्रयास किया जा रहा है। मगर कांग्रेस डरने वाली नहीं है और सड़क पर उतरकर इसका विरोध करेगी। उन्होंने कहा अगर कांग्रेस की मांग पूरी नहीं होती है तो कांग्रेस ‘जेलभरो आंदोलन’ करेगी। उधर, रैली मार्ग और कमिश्नर ऑफिस में भी भारी पुलिस बल लगाया गया है।

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