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शिवानी इंटरप्राइजेस के प्रोप्राइटर के विरुद्ध एक माह बाद पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज

थांदला। मंडी प्रशासन द्वारा अनुज्ञा सत्यापित करने वाली आईडी और पासवर्ड को हैक करने वाले आरोपी अनाज व्यापारी शिवानी इंटरप्राइजेस के प्रोप्राइटर सुनील राठौड़ के विरुद्ध आखिरकार पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर लिया गया।

आरोपी द्वारा मंडी राजस्व को हानि पहुंचाने एवं आईडी पासवर्ड हैक कर अनुज्ञापत्र जारी कर भुगतान पत्र सत्यापित करने के पश्चात अनुज्ञा पत्र समयाअवधि के अंदर पुनः डिलीट करने की घटना सामने आने के बाद स्थानीय मंडी प्रशासन द्वारा दिनांक 14 जुलाई 21 को आरोपी के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने के लिए एक आवेदन थांदला पुलिस को दिया गया था। पुलिस द्वारा एक माह के पश्चात आरोपी के विरुद्ध प्रकरण आई. पी. सी. की धारा 420 एवं सूचना प्रोधोगिकी 2000 की उपधारा 65 सी, 65 डी के तहत मामला आखिरकार दि.16.08.2021को दर्ज करना पड़ा। लेकिन मामला दर्ज करने के 10 दिन पश्चात भी किसी प्रकार की गिरफ्तारी या अन्य कोई कार्रवाई पुलिस द्वारा नहीं की गई।

गिरफ्तारी न करने के थाना प्रभारी व एसडीओपी के अलग-अलग कारण

गिरफ्तारी नहीं करने का कारण बताते हुए थाना प्रभारी कौशल्या चौहान का कहना है कि मामला साइबर क्राइम का है वहां से और आवश्यक दस्तावेज की आवश्यकता है इसके पश्चात मामले के आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। जबकि इसी मामले पर एसडीओपी एमएस गवली का कहना है कि सुनील राठौड़ की तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है, सुनील राठौड़ को उसके ससुराल व अन्य स्थानों पर लगातार ढूंढा जा रहा है परंतु अभी तक इस में पुलिस को सफलता नहीं मिली है। एसडीओपी एवं पुलिस थाना प्रभारी दोनों के द्वारा दी गई जानकारियां एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न है जो कि कहीं ना कहीं मामले को लेकर संदेह पैदा कर रही है।

आईडी हैक करने की जानकारी पुलिस ने अभी गोपनीय रखी है

झाबुआ, पेटलावद मंडी की विभागीय टीम के सेकेट्री द्वारा दि. 18.7.21 को आरोपी का गोडाउन सील किया गया और थांदला भारसाधक अधिकारी ज्योति परस्ते एवं मंडी सेकेट्री अश्विन वसावा द्वारा आरोपी का मंडी लाइसेंस दि. 27.7.21 को निरस्त किया गया। जानकारी के अनुसार आरोपी द्वारा अनाज का परिवहन म.प्र. के सीमावर्ती राज्य से मात्र 30 किलोमिटर से लगे गुजरात के दाहोद में 1 घंटें के अंदर भेजकर अनुज्ञापत्र डिलीट कर दिया जाता था। मंडी प्रशासन द्वारा लगातार दबाव बनाने पर पुलिस को आखिरकार प्रकरण कायम करना पड़ा। आईडी हैक करने की जानकारी पुलिस ने अभी गोपनीय रखी है। पांच अनुज्ञा जिसके चलते मामला संज्ञान में आया मामले के पूर्व में न जाने कितनी अनुज्ञा जारी कर उन्हें डिलीट किया गया होगा यह जांच का विषय है। मंडी से जानकारी अनुसार कुल 5 ऐसी अनुज्ञा थी जिसके चलते पूरा मामला मंडी सचिव के संज्ञान में आया। अनुज्ञा 16 जून 2021 से 12 जुलाई 2021 के बीच में सत्यापित कर डिलीट की गई।

16 जून 2021 150 क्विंटल गेहूं
17 जून 2021 45 क्विंटल गेहूं
02 जुलाई 2021 – 10 क्विंटल गेहूं
08 जुलाई 2021 – 25 क्विंटल नीम बीज
12 जुलाई 2021 – 30 क्विंटल धान

आरोपी पर प्रकरण कायम होने के बाद भी आरोपी को गिरफ्तार नही किया गया । जबकि मंडी के गठित जांच दल और मंडी समिति द्वारा समस्त आवश्यक दस्तावेज देने के पश्चात भी पुलिस द्वारा अन्य दस्तावेजों की मांग कर गिरफ्तारी को टाला जा रहा है। ज्ञातव्य है कि अनैतिक व्यापार करने हेतु मंडी व्यापारियों की और से प्रतिवर्ष भारी राशि का वितरण मूकदर्शक बने रहने के लिए किया जाता रहा है। व्यापारियों की अनाज की दुकान मंडी में लगाने के शासन के आदेश है लेकिन उसका पालन नही होने की वजह से ऐसी जालसाजी की घटनाएं हो रही है। किसान को उसकी उपज का सही मूल्य नही मिल पा रहा है गरीब किसान का सरकारी अनाज उसके घर पहुचने से पहले ही बाजारों में पहुँच जाता है जिसको फर्जी किसानों के नाम एवं मोबाइल नम्बरों से दर्ज कर लिया जाता है इनका सही भौतिक सत्यापन किया जाए स्थिति आईने की तरह साफ हो जाएगी।

थांदला से मृदुभाषी के लिए शाहिद खान की रिपोर्ट

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