विपिन जैन/बडवाह/सनावद :- निमाड़ की माटी के लाल नगर गौरव आ. श्री 108 वर्धमान सागर जी महाराज का 34 वा आचार्य पदारोहण दिवस सकल जैन समाज बहूत ही हर्सोल्लास व भक्तिभाव से मनाया।
सन्मति जैन ने बताया की इस अवशर पर प्रातः7 बजे से बड़ा मन्दिर जी मे सुनील मास्टर साब,महेंद्र मुंसी, रजत जैन,सुनील पावणा ,अंकुर जैन,सहित सभी समाजजनों द्वारा भव्य पंचामृत अभिषेक किया गया ततपश्चात आचार्य श्री का सामूहिक पूजन में भिन्न भिन्न प्रकार के अर्घ व नेवैद्य,पुष्पा जैन, मंजूला भूच मीना जटाले,हेमा मुंसी,अंजू पाटनी, ज्योति बाला धनोते कमल के.के सुरेश मुंसी,कमल जटाले के द्वारा समर्पित किये गए।तत्पश्चात सभी भक्तों के द्वारा आचार्य श्री के चित्र के समक्ष सभी के द्वारा भक्ति की गई।
जैसा की सभी को ज्ञात है की आज साक्षात चारित्र चक्रवर्ती 20 वी सदी के प्रथमआचार्य शान्ति सागर जी के चरित्र को चरितार्थ कर पूरे विश्व मे वो उनकी परम्परा का निर्वहन कर रहे है एक ऐसी शान एक ऐसी विभूति जिन्होंने एक नहीं दो नहीं तीन तीन बार बाहुबली भगवान के महा मस्तकाभिषेक करवाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है । लोग एक बार जाने को तरसते हैं कि एक बार गोमटेश्वर बाहुबली भगवानके दर्शन हो जाए लेकिन जब भी इतिहास लिखा जाएगा जब जब बाहुबली भगवान के साथ आचार्य श्री वर्धमान सागर जी का नाम भी लिखा जाएगा।
एक ऐसे आचार्य जिन्होंने एक साथ तीन-तीन बार भगवान बाहुबली के पंचकल्याणक महामस्तकाभिषेक कराने का सौभाग्य प्राप्त किया है। ऐसे आचार्य का गुणगान करना अतिशयोक्ति नही होंगी।जैसा की सभी को ज्ञात है की आज से 34 वर्ष पूर्व आज ही के दिन तिथि के अनुसार आशाढ़ सुदी दूज व तारीख के हिसाब से 24जून1990 को पारसोला राजस्थान में आचार्य श्री 108 अजीत सागर जी महाराज के द्वारा प्रदान किया गया था।
इस अवशर पर सभी समाजजन उपस्थित थे।