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मप्र में महिला बन जाएगी अब पुरुष कॉन्स्टेबल, मिली जेंडर चेंज की अनुमति

भोपाल। मध्यप्रदेश के पुलिस विभाग में ऐसा अनोखा मामला सामने आया है जो प्रदेश का ही नहीं संभवत: देश का पहला केस है। प्रदेश की एक महिला कॉन्स्टेबल अपना जेंडर चेंज कराने जा रही है। बुधवार को राज्य के गृह विभाग ने लेडी सिपाही को अपना लिए लिंग बदलने की अनुमति भी दे दी है। यह ऐसा पहला केस है जिसमें सरकार की तरफ से किसी शासकीय कर्मचारी को इस तरह इजाजत दी है। जेंडर चेंज होने के बाद महिला की पुरुष कॉन्स्टेबल के रूप में पहचान होगी। महिला कॉन्स्टेबल को लिंग परिवर्तन की इजाजत पुलिस महानिदेशक की ओर से दी गई है।

जेंडर आइडेंटिटी डिसआर्डर की समस्या

दरअसल महिला कॉन्स्टेबल को बचपन से जेंडर आइडेंटिटी डिसआर्डर की समस्या थी और इसकी पुष्टि राष्ट्रीय स्तर के मनोचिकित्सकों की ओर से भी की गई थी। इसलिए संबंधित महिला आरक्षक की ओर से लिंग परिवर्तन कराने के संबंध में विधिवत आवेदन, शपथ पत्र और भारत सरकार के राजपत्र में 2019 में इस संबंध में प्रकाशित अधिसूचना के आधार पर प्रदेश पुलिस मुख्यालय को भेजा गया था। इस पर आदेश जारी हो गए हैं।

देश में यह है नियम

देश में किसी भी नागरिक को उसके धर्म या जाति पर ध्यान दिए बिना अपने स्वयं के जेंडर (लिंग) के चयन की स्वतंत्रता है। इस मामले में विधि विभाग से परामर्श के बाद गृह विभाग की ओर से पुलिस मुख्यालय को अनुमति दी गई है।

जेंडर आइडेंटिटी डिसआर्डर को ऐसे समझें

जेंडर डिस्फोरिया या जेंडर आइडेंटिटी डिसआर्डर वह स्थिति होती है, जिसमे व्यक्ति को यह महसूस होता है कि उसका प्राकृतिक लिंग उसकी लैंगिक पहचान से मेल नहीं खाता। बच्चे के शरीर की बनावट के आधार पर जन्म के समय प्राकृतिक लिंग नियुक्त होता है। लैंगिक पहचान वह है जैसा एक व्यक्ति अपने को पहचानता है या स्वयं को महसूस करता है।

अपर सचिव ने बताई कहानी

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने इस बारे में मीडिया को जानकरी दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में बतौर महिला कॉन्स्टेबल एक जिले में अपनी सेवाएं दे रही हैं। महिला आरक्षक बचपन से ही जेंडर आइडेंटिटी डिसआर्डर की परेशानी से जूझ रही थीं। वे महिला होकर भी पुरुषों की तरह ड्यूटी करती थी। उसने सेक्स चेंज करवाने के लिए पुलिस मुख्यालय को आवेदन दिया था।

ड्युटी पर लड़के जैसा व्यवहार

डॉ राजेश राजौरा ने बताया कि पुलिस विभाग ने बाकायदा महिला कॉन्स्टेबल की मनोचिकित्सकों द्वारा जांच कराई। रिपोर्ट में भी आया कि वो आइडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डायसोफोरिया से ग्रसित है। वहीं हमने देखा कि वह ड्यटी के दौरान लड़की होकर भी लड़के की तरह व्यवहार करती है।

महिला कॉन्स्टेबल को विधिवत लिंग परिवर्तन कराने की इजाजत संबंधित आदेश 1 दिसंबर को गृह विभाग की ओर से प्रदेश पुलिस मुख्यालय को भेज दिया गया है।डॉ राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग मप्र

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