सीआईडी ने मंगलवार को कहा कि असम पुलिस सेवा के एक निलंबित अधिकारी और तीन सरकारी डॉक्टरों को राज्य के दरांग जिले में एक 13 वर्षीय लड़की के दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोपियों को बचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली पीड़ित लड़की जून में अपने मालिक के घर में लटकी हुई पाई गई थी। अगस्त में निलंबित किए गए दरांग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रूपम फुकन को मंगलवार को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
सीआईडी की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि पीड़िता के शव का पहला पोस्टमार्टम करने वाले मंगलदई सिविल अस्पताल के तीन डॉक्टरों अरुण चंद्र डेका, अजंता बोरदोलोई और अनुपम शर्मा को भी चूक के लिए सोमवार को गिरफ्तार किया गया है। बाद में शव को बाहर निकाला गया और दूसरा पोस्टमार्टम किया गया। गिरफ्तार किए गए अतिरिक्त एसपी और दरांग के तत्कालीन एसपी के घरों की भी तलाशी ली जा रही है। दरांग जिले के धुला थाना क्षेत्र के एक स्थान पर किशोरी अपने मालिक के घर के अंदर लटकी मिली। लड़की जिस दंपति के लिए काम करती थी, उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस मामले की ठीक से जांच करने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 12 अगस्त को सोनितपुर जिले में लड़की के परिवार का दौरा किया और इसके तुरंत बाद दरांग एसपी राजमोहन रे, अतिरिक्त एसपी रूपम फुकन और तत्कालीन धुला थाना प्रभारी उत्पल बोरा को निलंबित कर दिया गया। बोरा को सीआईडी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।