नई दिल्ली। केंद्र सरकार लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने वाली है। इस खबर के आने के साथ ही देश के कुछ हिस्सों में हलचल मच गई है। खासकर उन इलाकों पर इसका ज्यादा असर हुआ है, जहां अल्पसंख्यक आबादी बड़ी तादात में रहती है। हरियाणा का एक ऐसा ही इलाका मेवात है जहां बड़ी संख्या में लड़कियों की शादी आनन-फानन में की जा रही है।
शादी के शरारों की खरीदी बड़ी
मेवात इलाकों में इन दिनों बड़ी तादात में निकाह हो रहे हैं। वजह मोदी करकार का शादी की उम्र बढ़ाने का फरमान। हिंदुस्तान अखबार की खबर के मुताबिक वर्ग विशेष की एक लड़की अपने कॉलेज में क्रिसमस सेलिब्रेशन के लिए एक सलवार कमीज खरीदने का प्लान कर रही थी, लेकिन उसको जल्दबाजी में उसको सब छोड़कर उसको शादी का परंपरागत लिबास शरारा चुनना पड़ा। उसने कहा कि बचपन में 5 साल की उम्र में उसकी शादी उसके एक करीबी रिश्तेदार से तय कर दी थी। मैं अपने शौहर की तुलना में अधिक उदार और शिक्षित परिवार से हूं। अपने परिवार में दिल्ली विश्वविद्यालय जाने वाली पहली शख्स हूं।
जल्द हो रही लड़कियों की शादी
उसने कहा कि मुझे हॉस्टल में रहने दिया गया और शादी के बारे में कभी बात नहीं की गई। हालांकि शुक्रवार को जब मैं अपनी मां के साथ खरीदारी करने के लिए निकली थी, तो मेरे पिता ने फोन किया और अचानक मेरी मां ने सलवार-कमीज़ अलग रख दी और दुल्हन के गरारे की तलाश शुरू कर दी। कुछ ऐसी ही कहानी फिरोजपुर की रहने वाली एक लड़की की है। मैं एक दिन स्कूल से घर पहुंची तो बताया गया कि महिलाओं की शादी की उम्र 21 साल करने के लिए एक नया कानून बनाया जा रहा है। इसलिए मेरा परिवार जल्दी में मेरी शादी कराना चाहता है। यह सिर्फ कुछ उदाहरण है जबकि हकीकत में मुस्लिम बहुल मेवात क्षेत्र, विशेष रूप से नूंह जिले में कई लोग इस फैसले से असहज महसूस कर रहे हैं। यहां आमतौर पर लड़कियों की शादी जल्दी कर दी जाती है। नूंह देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक है।
नूह के एक इमाम का कहना है कि मेरे पास ऐसे दूल्हों के आवेदन काफी हैं, जो दो दिनों के भीतर शादी करने के लिए तैयार हैं। हम नमाज के दौरान ये घोषणाएं कर रहे हैं। वहीं कोर्ट मैरिज में भी तेजी आई है। गुरुग्राम में कोर्ट मैरिज करने वाले अंतर्जातीय जोड़ों की संख्या सप्ताहांत में 4 गुना बढ़ गई।