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सरस्वती शिशु मंदिर में भाजपा द्वारा मनाया गया 25 जून आपातकाल काला दिवस कार्यक्रम

सरस्वती शिशु मंदिर में भाजपा द्वारा मनाया गया 25 जून आपातकाल काला दिवस कार्यक्रम

विपिन जैन/बड़वाह- आपातकाल में हर जोर जुल्म के खिलाफ आवाज उठाई। ऐसा कोई काम नहीं किया। जिससे अपराध हो। लेकिन सजा बराबर मिल गई। यह बात रविवार को नर्मदा रोड स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में भाजपा द्वारा मनाए गए 25 जून आपातकाल काला दिवस कार्यक्रम के दौरान शहर के मीसाबंदी रामकिशन जी जायसवाल ने कही। उन्होंने कहा कि आपातकाल का स्मरण सुनाना तो ठीक,पर आज का जमाना रोने नहीं सुनता है। फिर भी बता दूं इंदिरा गांधी के कांग्रेस शासन काल में अभिव्यक्ति की आजादी को भी पूरी तरह कुचल दिया गया था।

पार्टी को पोषित करने के लिए गिने-चुने कार्यकर्ता हुआ करते थे। भगवान श्रीगणेश को अतिथि मानकर कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे। कहा कि पार्टी आज जहां खड़ी है,उसके लिए कईयों का संघर्ष है। जेल में भी परिवार की चिंता किया बिना जुल्म और अत्याचारों के खिलाफ आगे की लड़ने के लिए रणनीति बनाते थे। जायसवाल की पत्नी कला बाई ने कहा कि घर के हालात ठीक नहीं थे। आपातकाल में जेल चले गए। कभी आटा आस-पास से मांगा तो, नहीं मिलने पर बेसन भी खाकर जैसे-तैसे दिन निकाले। पार्टी के लोग भी दिन के उजाले में नहीं, रात के अंधेरे में आते थे और पूछते थे कोई परेशानी तो नहीं।

कार्यक्रम में मीसाबंदी जायसवाल के साथ मीसाबंदी कन्हैया लाल सोनी भी रहे। दोनों का नगर मंडल अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह तोमर और मोर्चे के सभी अध्यक्षों द्वारा शॉल-श्रीफल व पुष्पमाला पहनाकर स्वागत सम्मान किया। मौके पर वरिष्ठ नेता लादूराम साहू,महेंद्र सिंह भाटिया,गुरुचरण भाटिया,जिला मंत्री दीपक ठाकुर,पार्षद गणेश पटेल,रोमेश विजयवर्गीय, पार्षद नरसिंग सुरागे, एनएस सोलंकी,गणेश चौधरी,रवि ऐरन,भाजयुमो अध्यक्ष यश चौरसिया, निखिलेश खंडेलवाल,पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ अध्यक्ष रवि कौशल,अख्तर खान, दिनेश कोठिया,पप्पू बड़सरे, राहुल वर्मा,कैलाश जाट, ऋषभ जैन सहित अन्य नेता व कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन महेंद्र अमई ने किया। और आभार मंडल अध्यक्ष ने माना।

सरस्वती शिशु मंदिर में भाजपा द्वारा मनाया गया 25 जून आपातकाल काला दिवस कार्यक्रम
सरस्वती शिशु मंदिर में भाजपा द्वारा मनाया गया 25 जून आपातकाल काला दिवस कार्यक्रम

आपातकाल बहुत कठिन समय था-

कार्यक्रम में मीसाबंदी जायसवाल के पुत्र नपा उपाध्यक्ष राजेश जायसवाल ने कहा कि आपातकाल का बहुत कठिन समय था। आज खुली आजादी में सांस ले रहे हैं। देश में लोकतंत्र सिर्फ मीसाबंदीयो व भारतीय जनता पार्टी के कारण जिंदा है। पिताजी के आपातकाल की जेल यात्रा के बारे में बताया कि बड़वाह के इतिहास में एक घटना हुई। अमोलकचंद छाजेड़ ने यहां से विधानसभा का चुनाव लड़ा। उनके सामने विमलचंद थे। उनके खिलाफ अमोलकचंद ने विवादित पर्चा बनाया और बटवा दिया। इसको लेकर हार के बाद विमलचंद ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई। बयान देने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ।

उस समय अमोलकचंद का काफी दबदबा था। और कांग्रेस का अध्यक्ष कलेक्टर के पावर रखता था। जिसका नाम चिट्ठी में लिख देते थे,उसे जेल भिजवा दिया जाता था। पिताजी ने निडर होकर हाईकोर्ट में बयान दिए। और नतीजा यह निकला कि अमोलकचंद को विधायक की कुर्सी से नीचे उतरना पड़ा। जिसका बदला पिताजी से अमोलकचंद ने आपातकाल में लिया।

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