नई दिल्ली। किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है। इस मामले में कोर्ट ने कमेटी बनाने का आदेश दिया है, जिसके लिए केंद्र सरकार और किसान संगठनों से नाम मांगे गए हैं।
टुकड़ों में आदेश जारी करने की कही बात
सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि हम किसी प्रदर्शन को नहीं रोक सकते हैं और आवश्यकता होने पर टुकड़ों में आदेश जारी किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस बोपन्ना और जस्टिस राम सुब्रह्मण्यम की बेंच ने सुनवाई की। किसान आंदोलन में सरकार की नाकामी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि आप किस तरह से हल निकाल रहे हैं।
आंदोलनकारियों को भी लगाई फटकार
चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने इस मामले में कहा कि हम कानून रद्द करने को नहीं कह रहे हैं। हमारा उद्देश यह है कि समस्या का समाधान निकले। चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल से सवाल किया कि आप समस्या का हिस्सा हैं या समाधान का? सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि देश के दूसरे राज्यों में कानून को लागू किया जा रहा है। हकीकत में किसानों को समस्या नहीं है, केवल प्रदर्शन करने वालों को इस कानून से समस्या है। चीफ जस्टिस ने आंदोलनकारी किसानों को भी फटकार लगाई और कहा कि आखिर इस ठंड में प्रदर्शन में महिलाएं और बूढ़े लोग क्यों शामिल हैं?