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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया ऐलान, इनोवेशन के लिए 1.5 करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव

नई दिल्ली। मोदी सरकार स्टार्टअप्स को बढ़ावा दे रही है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे स्टार्टअप्स को फंड देने के लिए सालाना 50 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करेगी। उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे इनोवेशन पॉलिसी के तहत रेलवे स्टार्टअप्स में निवेश करेगा। ताकि रेलवे के लिए नवोन्मेषी तकनीक समाधान के लिए 1.5 करोड़ रुपये तक की राशि जुटाई जा सके। भारतीय रेलवे नवाचार नीति के तहत नवोन्मेषियों को लागत प्रभावी, कार्यान्वयन योग्य और कार्यात्मक प्रोटोटाइप विकसित करने के लिए रेलवे के साथ जुड़ने में सक्षम बनाएगी।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह नीति केवल विचार तक सीमित नहीं है। भारतीय रेलवे अवधारणा के प्रमाण के बाद उत्पाद के माध्यम से इसका पालन करेगी और इसे बढ़ाएगी। इसका साथ ही अनुदान समर्थन को दोगुना करेगी और अंत में नियमित उपयोग के लिए सफलतापूर्वक विकसित उत्पाद या प्रौद्योगिकी को अपनाएगी और यहां तक कि दो-तीन साल तक के लिए समर्थन भी करेगी। रेल मंत्री ने औपचारिक रूप से नीति का शुभारंभ करते हुए मीडिया को बताया कि नीति का वार्षिक बजट लगभग 40-50 करोड़ रुपये होगा और मंडल रेल प्रबंधकों के लिए एक अतिरिक्त कोष होगा ताकि वे आॅन-फील्ड समस्याओं का आॅन-फील्ड समाधान ढूंढ सकें। साथ ही, आईपीआर इनोवेटर के पास रहेगा। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे और एक अन्वेषक द्वारा समान अनुपात 50:50 में लागत-साझाकरण के आधार पर वित्त पोषण योजना तय की गई है। इस नीति का उद्देश्य 1.5 करोड़ रुपये तक की आवश्यक बीज निधि सहायता प्रदान करना है। उन स्टार्टअप्स के लिए जो भारतीय रेलवे के संभावित उपयोग के लिए नई नवीन अवधारणाओं के आधार पर कार्यात्मक प्रोटोटाइप बनाने की क्षमता, इरादा और वादा करते हैं।

चुनौतियों का होगा समाधान

रेलमंत्री वैष्णव ने कहा कि यदि स्टार्टअप भारतीय रेलवे के साथ सहयोग करते हैं तो कई तकनीकी चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है । हमने आज स्टार्टअप इंडिया के तहत एक नवाचार कार्यक्रम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि पूरी विकास यात्रा के दौरान रेलवे के फील्ड अधिकारी, आरडीएसओ, जोनल और रेलवे बोर्ड के अधिकारी इनोवेटर्स का लगातार समर्थन करेंगे और उनका साथ देंगे।

नई तकनीक का लाभ उठाना होगा

अधिकारियों ने कहा कि नीति के प्रमुख उद्देश्यों में से एक रेलवे प्रणाली पर परिचालन दक्षता और सुधार के लिए उद्यमियों और स्टार्टअप द्वारा विकसित नई तकनीकों का लाभ उठाना होगा। पात्र संगठनों या लाभार्थियों में कंपनी अधिनियम 1956/2013 के तहत निगमित कोई भी भारतीय कंपनी, मुख्य रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और व्यक्तिगत इनोवेटर शामिल होंगे। नीति अनुदान के लिए आवेदन करने के लिए अनुसंधान और विकास संस्थानों को भी प्रोत्साहित करती है।

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