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आज धनतेरस : व्यापारियों ने ग्राहकों के लिए पेश की कई आकर्षक स्कीम और छूट

इंदौर। दीपों का महापर्व दीपावली की शुरुआत शनिवार को धनतेरस से होने जा रही है। दीपावली इस बार 24 अक्टूबर सोमवार को मनाई जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार कार्तिक अमावस्या तिथि 24 और 25 अक्टूबर को रहेगी, लेकिन 25 अक्टूबर को अमावस्या प्रदोष काल से पहले ही समाप्त हो जाएगी। वहीं देखा जाए तो 24 अक्टूबर को प्रदोष और निशित काल में अमावस्या तिथि रहेगी। इसलिए पंचांग के मुताबिक 24 अक्टूबर को दीपावली मनाना शुभ होगा।

शुक्रवार से ही शहर में सराफा, सजावट, इलेक्ट्रॉनिक, बर्तन, आॅटोमोबाइल, प्रॉपर्टी सहित अन्य बाजार भी रोशन नजर आए। कोरोना संकट के चलते लगातार दो साल त्योहारों के दौरान भी बाजार से रौनक गायब रही, लेकिन महामारी के नियंत्रण में आने के बाद इस साल बाजार में चहल-पहल है। इलेक्ट्रॉनिक दुकानों, शॉपिंग मॉल, कपड़े सहित शहर की ज्यादातर छोटी-बड़ी दुकानों को आकर्षण लाइटिंग व नए-नए उत्पादों से सजाया गया है। व्यापारियों ने ग्राहकों के लिए कई आकर्षक स्कीम और छूट दी है। जानकारों के अनुसार पिछले दो साल देश-दुनिया में कोरना महामारी के चलते इसका असर त्योहारों पर प्रतिकूल रहा, लेकिन इस साल तेजी से हुए रिकॉर्ड वैक्सिनेशन के कारण कोरोना संक्रमण पर काफी नियंत्रण होने से दीवाली पर शहर के विभिन्न बाजारों में बड़े उत्साह का वातावरण दिखाई दिया। धनतेरस के लिए वैसे तो, शहर के समुचे बाजारों में ग्राहकों की आगवानी के लिए काफी सजावट नजर आई सराफा बाजार और बर्तन बाजार (कसेरा बाजार) में विशेष तैयारियां की गई।

गुरु पुष्य से ही दिखने लगा उत्साह

खरीदी के महापर्व गुरु पुष्य पर हुए अनुमान से अधिक कारोबार से व्यापारियों में अलग ही उत्साह दिखा। पुष्य नक्षत्र के साथ ही बाजारों में बढ़ती ग्राहकों की भीड़ ने इस उत्साह को दोगुना कर दिया है। व्यापारियों के अनुसार धनतेरस पर इस बार सूर्योदय से लेकर देर रात तक शुभयोग है जिसका फायदा मिलेगा। इस दिन धन के राजा कुबेर, धन्वतरि और यमदेव की पूजा अर्चना की जाती हैं। लोगों ने सोना-चांदी, आभूषण, बर्तनों और धातुओं की पहले ही बुकिंग कर दी हैं। इस साल दीवाली पूर्व गत वर्ष के मुकाबले सोने के दाम नीचे होने से जहां निवेशक उत्साहित नजर आए, वहीं सराफा व्यापारी भी बेहतर ग्राहकी की
बड़ी उम्मीद लगाए थे। इसी वजह से दो सप्ताह से सोना-चांदी के आयात में भी आंशिक बढ़ोतरी हुई है।

5 बजकर 42 मिनट से शुरू हो रहा प्रदोष काल

दीपावली के दिन प्रदोष काल शाम 5 बजकर 42 मिनट से आरंभ हो रहा है। वहीं इस समय चर चौघड़िया रहेगा जो शाम में 7 बजकर 31 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। साथ ही उसके बाद रोग चौघड़िया लग जाएगा। इसलिए लक्ष्मी पूजन शाम 6 बजकर 54 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 30 मिनट से पहले आरंभ कर देना चाहिए। क्योंकि इस समय लग्न स्थिर है। निशित मुहूर्त यानी की मध्यरात्रि का मुहूर्त, जिसमें आधी रात को मां लक्ष्मी की पूजा होती। धन की देवी की आराधना के लिए यह मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस समय देवी लक्ष्मी घर-घर में विचरण करती है और मां लक्ष्मी की पूजा से सहस्त्ररुप सर्वव्यापी लक्ष्मीजी सिद्धि होती हैं। 24 अक्टूबर को निशिता मुहूर्त रात 11 बजकर 46 मिनट से रात 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। साधकों को पूजा के लिए 51 मिनट का समय मिलेगा।

एक ही दिन चतुर्दशी और दीपावली

रूप चतुर्दशी और दीपावली एक ही दिन मनाई जाएगी। 24 अक्टूबर को चतुर्दशी तिथि शाम 5.27 बजे तक रहेगी। इसके बाद अमावस्या लगेगी, जो अगले दिन 25 अक्टूबर को शाम 4.18 बजे तक रहेगी। रूप चतुर्दशी का अभ्यंग स्नान भी सूर्योदय से पहले सोमवार को होगा। 24-25 की दरमियानी रात 2.30 बजे से सूर्य ग्रहण का सूतक लगेगा। 25 अक्टूबर को खंडग्रास सूर्यग्रहण का स्पर्श दोपहर 2.28 बजे और मध्य शाम 4.30 बजे होगा। ग्रहण की समाप्ति शाम 6.32 बजे होगी।

भाई दूज की सही तारीख

पंचांग के अनुसार इस साल 2 दिन यानी की 26 और 27 अक्टूबर को कार्तिक शुक्‍ल द्वितीया तिथि लग रही है। द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर को दिन में 2 बजकर 43 मिनट से लेकर 27 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगी। ऐसे में दोपहर को भाई दूज मनाने के चलन के अनुसार 26 अक्टूबर को ही भाई दूज का पर्व मनाना शास्त्र के अनुकूल रहेगा। वहीं जो लोग उदया तिथि के अनुसार भाई दूज मना रहे हैं, उन्‍हें दोपहर 12 बजकर 42 मिनट से पहले भाई दूज मना लेना चाहिए।

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