Modi Government Policy: मोदी सरकार एक बार फिर पड़ोसी देश चीन को बड़ा झटका देने वाली है। यह झटका मेक इन इंडिया के जरिए दिया जाएगा। भारत अपने पड़ोसी देश चीन की 98 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों की मार्केट पर सर्जिकल स्ट्राइक करने की तैयारी कर चुका है। मेक इन इंडिया के तहत बनने वाली लीथियम आयान बैटरी से आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक दुश्मन देश पर की जानी है। लीथियम आयन बैटरी के वाहन तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में बनाए जा रहे हैं।
अब तक ई-वाहनों की मार्केट पर चीन का ही कब्जा रहा है। भारत में दौड़ रहीं तमाम इलेक्ट्रिक गाड़ियां चीन की हैं। अब भारत की स्वदेशी गाड़ियां यहां की सड़कों पर दौड़ेंगी। विशेषज्ञ बताते हैं कि चीन नहीं चाहता की भारत इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन शुरू करे। दरअसल, पूरी दुनिया को 98 प्रतिशत लीथियम आयन बैटरी चीन से मिलती है। इससे हर साल चीन की बहुत बड़ी आय होती है।
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Toggleभारत से चीन को ई-वाहनों से 10 बिलियन डॉलर की कमाई
सिर्फ भारत से ई-वाहनों के जरिए चीन को सालाना 10 बिलियन डॉलर की आय होती है। इसको देखते हुए भारत के साइंस और तकनीकी मंत्रालय ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनिशप के साथ लीथियम आयन बैटरी का उत्पादन शुरू किया है। यह पहल देश को ई-वाहन के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बना देगा।
लीथियम आयन बैटरी क्या होती है
लीथियम आयन बैटरी कैथोड, एनोड, इलेक्ट्रोलाइट और सेपरेटर का संगम है। भारत के पास कैथोड, एनोड, लीथियम और सेपरेटर आना शुरू हो चुका है। वह तकनीक, जिससे लीथियम आयन बैटरी बनाई जाती है, वह GFX OUT है।