तरुण गोले /बड़वानी। सरदार सरोवर बांध को भरने के लिए नर्मदा में ऊपरी बांधों से पानी छोड़ा गया था, जिसके चलते जलस्तर बढऩे से बड़वानी के समीप राजघाट स्थित पुल डूब गया था। जिसे पीडब्ल्यूडी ने कंडम घोषित पुल को पूरी तरह से बंद कर दिया था ।
मगर तीन-चार माह बाद पुल पर से पानी उतर गया ,और लोगों ने पैदल और मोटरसाइकिल से आना जाना शुरू कर दिया है।कडमाल निवासी ग्रामीण लखन ने बताया कि इस पुल पर आवागमन रोकने के लिए प्रशासन ने पुल के प्रवेश पर ही करीब पांच फीट चौड़ा गड्ढा खोद दिया था।
बावजूद इसके लोग गड्ढे से होकर पुल पर जा रह है। पुल को बंद नही करना था पैदल और दो पहिया वाहनों से आवागमन कर सकते है, मगर जिला प्रशासन ने पुल को बंद कर दिया जिससे हम लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर पूल के आस पास से वाहनों को उठाकर रिस्क लेकर निकालना पड़ता है l उन्होंने बताया कि धार और बड़वानी को जोडऩे वाले राजघाट पुल के बंद होने से धार जिले से बड़वानी की दूरी 20 किमी बढ़ गई है।
पुल मजबूत है इसे बंद नही करना चाहिए लोगों ने गड्ढे में पगडंडी नुमा रास्ता बनाकर और पत्थर डालकर आना-जाना शुरू कर दिया। विदित हो कि लंबे समय तक यहां पानी भरा रहने से जमीन भी दलदली हो गई है। मिट्टी के ढेर पर भी फिसलन है, इसके बाद भी लोग खतरा उठाकर पुल पार कर रहे हैं। यहां लोगों को रोकने के लिए कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं है।
चिखलदा निवासी करीम मंसूरी ने बताया कि राजघाट नर्मदा नदी का जर्जर पुलिया जिस पर रैलिंग भी नही है लेकिन ग्रामीण जोख़िम का सफर कर रहे है राजघाट नर्मदा नदी का पुलिया दो जिलों बड़वानी व धार से मिलता है इसका एक छोर बड़वानी की सीमा में है तो दूसरा धार जिले की सीमा में आता है बड़वानी की सीमा में प्रशासन ने खड्ढे खोद दिए जिससे हम लोग रिस्क लेकर पुलिया पार कर रहे है गाड़ियां उठाकर निकाल रहे है,
इस पूल से यदि हम सफर नही करे तो हमें लम्बा सफर करना पड़ेगा उन्होंने बताया कि बड़वानी की सीमा से धार जिले के कई गांव लगे है जिसकी दूरी 8 से 10 मिनट में पुलिया से तय की जाती है लेकिन अगर पुलिया से आवाजाही बन्द हो तो यही सफर तय करने में घंटे का समय लगता है जिससे समय और इंधन दोनों खर्च होता है ग्रामीण कहते है प्रशासन को पुलिया से आवाजाही रहने देना चाहिए ग्रामीण इस पुलिया से आवाजाही में खतरा महसूस नही करते।
बड़वानी एसडीएम घनश्याम धनगर ने बताया कि राजघाट का क्षतिग्रस्त पुल डूब क्षेत्र में है साथ ही यह पूर्व में ही अपना जीवन काल समाप्त कर चुका है। जिसे पीडब्ल्यूडी ने कंडम घोषित कर दिया है l डूब क्षेत्र में होने के चलते किसी भी प्रकार की दुर्घटना, जनहानि या कोई नुकसान न हो इसके मद्देनजर आवागमन पूरी तरीके से प्रतिबंधित कर दिया गया है