Mradhubhashi
Search
Close this search box.

सरकार जल्द लाने वाली है राइट दू रिपेयर कानून! कंपनियां गैजेट्स को रिपेयर करने में नहीं कर सकेगी आनाकानी

आज तक आपने राइट टू इन्फॉर्मेशन, राइट टू एडिकेशन जैसे कई राइट्स के बार में सुना होगा लेकिन सरकार अब राइट टू रिपेयर लाने की तैयारी में है। इसमें ग्राहक यदि मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप, कार-बाइक या ट्रैक्टर के साथ मोबाइट इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल और कृषि उपकरण खुद या मैकेनिक से ठीक कराते है तो अब इन सब की वारंटी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कस्टमर्स की सुविधा के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने ‘राइट टू रिपेयर’ कानून पर काम करना शुरू कर दिया है। यह कस्टमर्स को एक अपने खराब सामान को बनाने में मदद करेगा। केंद्र सरकार एसी, फ्रिज, जैसे कंज्यूमर ड्यूरेवल्स, गैजेट्स और कार कंपनियों की मनमानी खत्म करने के लिए राइट टू रिपेयर कानून बनने जा रहे है। इससे ग्राहकों को अपने उपकरणों के रिपेयर, गारंटी-वारंटी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

क्या है ‘राइट टू रिपेयर’?

उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति का मोबाइल (Mobile Repair), लैपटॉप (Laptop Repair), टैब (Tab Repair) आदि चीजें खराब हो जाती है तो ऐसी स्थिति में वह इसे ठीक करने के लिए वह किसी सर्विस सेंटर में ले जाता है तो ‘राइट टू रिपेयर’ के तहत उस सर्विस सेंटर को उस गैजेट को ठीक करके देना होगा. वह उसे यह कहकर ठीक करने मना नहीं कर सकता कि वह पार्ट पुराना हो गया है और उसे अब रिपेयर नहीं किया जा सकता है. ऐसे में कंपनी ग्राहक को नया सामान खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है. ‘राइट टू रिपेयर’ कानून के तहत कंपनी ग्राहकों के पुराने सामान को रिपेयर करने से मना नहीं कर सकती है.

कई बार कंपनियां नई गैजेट्स बनाने लगती हैं और पुराने का पार्ट मार्केट में मिलना बंद हो जाता है. ऐसे में ग्राहक को रिपेयर चार्ज देने के बजाय नए सामान का चार्ज देना पड़ता है. ऐसे में कस्टमर पर इस कारण वित्तीय बोझ बढ़ता है. इस नए कानून के बाद अब कंपनियों को किसी सामान के नए पार्ट्स के साथ-साथ पुराने पार्ट्स भी रखने होगा. इसके साथ ही यह कंपनी की जिम्मेदारी होगी वह पुराने पार्ट्स को बदलकर आपके खराब सामान को ठीक करें. इसे ग्राहकों को बिना कारण नए सामान को खरीदने से छुटकारा मिलेगा और वह मजबूरी में नए प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए मजबूर नहीं होगा.

बता दें कि सरकार इस कानून पर लगातार काम कर रही है. उपभोक्ता विभाग ने इसके लिए एक समिति गठन की है. इस पैनल की पहली बैठक 13 जुलाई 2022 को हुई है. इस कानून में मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट, ऑटोमोबाइल और ऑटोमोबाइल उपकरण आदि कई चीजें शामिल है. इस कानून के जरिए सरकार पुरानी चीजों को हटाने की संस्कृति को बदलना चाहती है

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट