प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के वडोदरा में देश के पहले एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की आधारशिला रखी। इसमें भारतीय वायुसेना के लिए C-295 मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बनाए जाएंगे। विमान का निर्माण यूरोपीय एयरोस्पेस कंपनी एयरबस और टाटा समूह मिलकर करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भारत की एक बड़ी छलांग है। हम एयरक्रफ्ट कैरियर, सबमरीन बना रहे हैं। यही नहीं, भारत में बनी दवाएं दुनिया में लोगों की जान बचा रही हैं। मेक इन इंडिया, मेक फॉर द ग्लोब के मंत्र पर आगे बढ़ रहा भारत, आज अपने सामर्थ्य को और बढ़ा रहा है। अब भारत, ट्रांसपोर्ट प्लेन का भी बहुत बड़ा निर्माता बनेगा। मैं वह दिन देख रहा हूं, जब भारत में बड़े प्लेन बनेंगे और उन पर लिखा होगा ‘मेड इन इंडिया’। आज भारत में इसकी शुरुआत हो रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान कहा, ‘आज देश में पहली बार निजी क्षेत्र की ओर से किसी विमान निर्माण सुविधा की आधारशिला रखी जा रही है। यह निश्चित रूप से रक्षा क्षेत्र के साथ-साथ पूरे देश के लिए गर्व की बात है।’ इस प्लांट के शुरू होने के साथ ही भारत एयरक्राफ्ट बनाने वाले चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा। इस लिस्ट में फिलहाल अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, इटली, स्पेन, यूक्रेन, ब्राजील, चीन और जापान शामिल हैं। एलाइड मार्केट रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री 45 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी। भारत में टाटा-एयरबस के इस प्लांट से 2031 से विदेशों में भी सप्लाई शुरू हो जाएगी।