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ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का काम शुरू, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया काम में जुटी

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का काम शुरू हो गया है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यानी एएसआई के एक्सपर्ट ये सर्वे कर रह है। ये मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर से बिल्कुल लगी हुई है। दावा है कि इसे औरंगजेब ने एक मंदिर तोड़कर बनवाया था। आइए जानते है इस विवाद से जुडी पूरी कहानी।

ज्ञानवापी विवाद को लेकर हिन्दू पक्ष का दावा है कि इसके नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है। काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण करीब 2050 साल पहले महाराजा विक्रमादित्य ने करवाया था, लेकिन मुगल सम्राट औरंगजेब ने साल 1664 में मंदिर को तुड़वा दिया। दावे में कहा गया है कि मस्जिद का निर्माण मंदिर को तोड़कर उसकी भूमि पर किया गया है जो कि अब ज्ञानवापी मस्जिद के रूप में जाना जाता है।

याचिकाकर्ता ने मांग की है कि ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कर यह पता लगाया जाए कि जमीन के अंदर का भाग मंदिर का अवशेष है या नहीं। साथ ही विवादित ढांचे का फर्श तोड़कर ये भी पता लगाया जाए कि 100 फीट ऊंचा ज्योतिर्लिंग स्वयंभू विश्वेश्वरनाथ भी वहां मौजूद हैं या नहीं। मस्जिद की दीवारों की भी जांच कर पता लगाया जाए कि ये मंदिर की हैं या नहीं। याचिकाकर्ता का दावा है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के अवशेषों से ही ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हुआ था। इन्हीं दावों पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करने के लिए कहा है। इसके लिए विशेषज्ञों की कमेटी बनाई गई है।

मौजूदा समय ज्ञानवापी मस्जिद में प्रशासन ने केवल कुछ ही लोगों को नमाज पढ़ने की अनुमति दे रखी है। ये वो लोग हैं जो हमेशा से यहां नमाज पढ़ते आए हैं। इन लोगों के अलावा यहां किसी को भी नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं है। वहीं, मस्जिद से सटे काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शुभारंभ किया था। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ पहले के मुकाबले अब कहीं ज्यादा आने लगी है।

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