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मध्यप्रदेश में छोटे दल बिगाड़ सकते हैं राष्ट्रीय दलों का बड़ा काम !!!!!

मध्यप्रदेश में छोटे दल बिगाड़ सकते हैं राष्ट्रीय दलों का बड़ा काम !!!!!

मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे छोटी पार्टियों की सक्रियता ज्यादा देखने को मिल रही है। छोटी पार्टियों में यदि बात करें तो आम आदमी पार्टी सबसे पहले नंबर पर है दरअसल आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल चुका है तो जगहों पर आम आदमी पार्टी की सरकार भी है मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी का एक महापौर सिंगरौली से भी है आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश में मजबूत पकड़ बनाने में लगी हुई है

आम आदमी पार्टी की मध्य प्रदेश मुखिया रानी अग्रवाल प्रदेश के दौरे पर हैं ग्वालियर का दौरा खत्म करने के बाद बताया जा रहा है कि वह विंध्य क्षेत्र के दौरे पर रहेंगे जहां पर वह आम आदमी पार्टी के वोटरों को साधने की कोशिश करेंगे दरअसल बीते विधानसभा चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत भी पहले से पड़ा हुआ है माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी ज्यादा कुछ मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में नहीं कर पाएगी लेकिन वोट प्रतिशत पहले की तुलना में ज्यादा हमारी पार्टी का आ सकता है

दरअसल आम आदमी पार्टी ने सदस्यता का जो लक्ष्य रखा था वह लक्ष्य से 10% ज्यादा हो चुका है। आम आदमी पार्टी के सूत्रधार बताते हैं कि ग्वालियर चंबल क्षेत्र में आम आदमी पार्टी का वर्चस्व बढ़ रहा है यहां से उनको 3 से 4 सीट आने की उम्मीद है हालाकी ग्वालियर चंबल क्षेत्र में सपा बसपा का भी खास असर देखने को मिल रहा है। हालांकि आम आदमी पार्टी साफ कर चुकी है कि वह मध्य प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

वही बहुजन समाज पार्टी मध्य प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए जा रही है। आने वाले विधानसभा चुनाव में मायावती सहित बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं की सक्रियता मध्यप्रदेश में देखने को मिलेगी।हालांकि मध्य प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी का थोड़ा बहुत वर्चस्व है। समाजवादी पार्टी ने भी साफ कर दिया है कि वह मध्य प्रदेश की कुछ विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी हालांकि वह कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है यह खुलकर सामने नहीं आया है।

छोटे दलों में बात करें तो भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण की पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और जयश मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशियों को तार रही है। लेकिन इन तीन पार्टियों में सबसे ज्यादा वर्चस्व जयस का है। जयस मध्यप्रदेश में सक्रिय संगठन है। वर्तमान में जयश के संरक्षक हीरालाल अलावा मध्य प्रदेश से विधायक हैं। कुछ दिनों पहले जयस के दो गुट हो गए थे लेकिन दोनों गुटों के नेताओं ने आपस में बैठकर समझौता कर लिया। अब जयस एक हो गई है। और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में वह अपने 50 से ज्यादा प्रत्याशी उतार रही है।

जयस पार्टी सिर्फ आदिवासियों के हक की बात करती है। वही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का महाकौशल क्षेत्र में अच्छा खासा वर्चस्व है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी मध्यप्रदेश में कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी यह अभी साफ नहीं हुआ है। लेकिन पार्टी के पदाधिकारी कह रहे हैं कि वह आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों पर चुनाव लड़ेगी।

मध्यप्रदेश में छोटे दल बिगाड़ सकते हैं राष्ट्रीय दलों का बड़ा काम !!!!!
मध्यप्रदेश में छोटे दल बिगाड़ सकते हैं राष्ट्रीय दलों का बड़ा काम !!!!!

मध्यप्रदेश : आम आदमी पार्टी की एंट्री 

इन दोनों जन सभा के बाद राज्य की सियासत में एक बड़ा यू टर्न तब देखने को मिला, जब आम आदमी पार्टी के संस्थापक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ 14 मार्च को राजधानी भोपाल में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरे के बाद प्रदेश की सियासत में खलबली मच गई। विकास के वादे साथ अरविंद केजरीवाल ने वोट बैंक को नए सियासी समीकरण देने का काम किया है। 

मध्यप्रदेश : स्वर्णों से नाराजगी

इस साल की शुरूआत से ही छोटे दलों का दबदबा पूरे राज्य में दिखाई दे रहा है। राजधानी भोपाल में 8 से 11 जनवरी 2023 तक करणी सेना ने विशाल प्रदर्शन किया। पहले ही दिन इस सम्मेलन में 2 लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे। 

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