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धारा 420: नर्मदा बाचाओ आंदोलन की नेत्री पर दान के पैसों का राष्ट्र विरोधी काम में इस्तेमाल का आरोप, 12 लोगों पर एफआईआर दर्ज

बड़वानी। बड़वानी कोतवाली पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर तथा 11 अन्य लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। मेधा पाटकर और उनके एनजीओ पर आदिवासी बच्चों की शिक्षा तथा अन्य सामाजिक कार्यों के नाम पर 13.5 करोड़ रुपए से अधिक की राशि एकत्र कर कथित तौर पर राजनीतिक गतिविधियों और विकास परियोजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में दुरुपयोग करने का आरोप है।
एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने रविवार को बताया कि राजपुर थाना क्षेत्र के टेमला बुजुर्ग निवासी प्रीतम राज की शिकायत पर मेधा पाटकर, परवीन समी जहांगीर, विजया चौहान और संजय जोशी समेत 12 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी गई है।

एसपी ने बताया कि मेधा पाटकर तथा अन्य ट्रस्टियों के विरुद्ध उनकी संस्था नर्मदा नव निर्माण अभियान के माध्यम से वर्ष 2007 से 2022 के बीच विभिन्न शैक्षणिक एवं सामाजिक गतिविधियों के नाम पर एकत्र 13 करोड़ 50 लाख से अधिक राशि के दुरुपयोग का आरोप है। उन्होंने बताया कि प्रकरण की जांच में और धाराएं भी बढ़ सकती हैं।

आरोप के मुताबिक, मेधा पाटकर एवं अन्य आरोपियों द्वारा सामाजिक कार्यों तथा मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र के आदिवासी बच्चों के प्राथमिक स्कूल स्तर पर शैक्षणिक उद्देश्य आदि के लिए दान एकत्र किया गया, लेकिन इस राशि से राजनीतिक गतिविधियों के वित्त पोषण के साथ विकास परियोजनाओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के प्रबंधन और आयोजन किए गए। प्रीतमराज का कहना कि पाटकर द्वारा चलाए जा रहे एनजीओ में 14 साल में 13.50 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। इसकी हेराफेरी की गई है।

ट्रस्ट ने आय-व्यय का नहीं किया स्पष्ट खुलासा

एफआईआर में बताया गया है कि लगभग 14 वर्षों में जिस समय ट्रस्टियों ने लगभग 13 करोड़ 52 लाख 59 हजार 304 रुपयों की कुल धनराशि जमा की एवं उतनी ही धनराशि खर्च की, परंतु न तो धन का स्त्रोत और न ही इसके लिए किए गए व्यय का स्पष्ट खुलासा किया गया है। इसमें बताया गया है कि 2020 से 2022 के दौरान भी जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से ग्रसित थी उक्त ट्रस्ट कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉसिबिलिटी (सीएसआर नीति) से मझगांव डॉक लिमिटेड से प्राप्त 65 लाख रुपए से अधिक राशि खर्च करने में कामयाब रहा, जिसका हिसाब भी दर्ज नहीं है।

लेन-देन में संदिग्ध पैटर्न

एफआईआर में सीएसआर निधि का दुरुपयोग, नर्मदा नवनिर्माण के तीन खातों से 1.69 करोड़ रुपए नकद निकासी, आॅडिट रिपोर्ट, खाता विवरण का अस्पष्ट होना, व्यय का तथ्य के अनुरूप न होना, ट्रस्ट द्वारा बनाए गए सभी 10 खातों में वित्तीय लेन-देन में संदिग्ध पैटर्न देखा जाना, जिसमें 4.7 करोड की राशि की नियमित और अज्ञात नकद निकासी हुई है का जिक्र है।

मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका

एफआईआर में इंदौर की अदालत में मेधा पाटकर द्वारा अपनी सालाना आय 6000 रुपए बताए जाने के विरुद्ध उनके व्यक्तिगत खाते में 2007 से 2021-22 के बीच 19 लाख 25 हजार 711 रुपए प्राप्त हुए हैं। एफआईआर में यह भी आशंका जताई गई है कि नर्मदा नव निर्माण अभियान शायद या तो मनी लॉन्ड्रिंग के लिए एक मोर्चा है या राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के वित्त पोषण के लिए महाराष्ट्र में धन भेजने के लिए बनाया गया है। इसमें यह भी बताया गया है कि अभियान के तौर तरीकों से ऐसा प्रतीत होता है कि मेधा पाटकर जो ट्रस्ट की ट्रस्टी हैं, ने अपने ब्रांड और छवि का उपयोग पारस्थितिकि संरक्षण के नाम पर सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के खिलाफ योजना बनाने और प्रबंधन करने के लिए करती हैं और उनकी अनधिकृत तरीके से प्राप्त लोकप्रियता के कारण, नर्मदा नव निर्माण द्वारा वित्तीय दान प्राप्त किया जाता है और उक्त दान का निजी या राजनीतिक उद्देश्यों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग में उपयोग किया जाता है।

6 हजार रुपए सालाना आय और पाटकर का तर्क

इस संबंध में मेधा पाटकर ने रविवार को बड़वानी में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि फिलहाल उन्हें इस तरह का मुकदमा दर्ज होने की कोई सूचना नहीं है। मेधा पाटकर ने अपनी सालाना आय 6 हजार रुपए बताए जाने और उनके खातों में 19 लाख रुपए से अधिक की राशि पाए जाने को लेकर कहा कि वे यह खाता स्वयं नहीं संचालित करती है। इसका संचालन एक रिटायर्ड व्यक्ति करते हैं। मेधा पाटकर ने कहा कि जीवन शालाओं में निमाड़ के किसान अनाज भी प्रदान करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जीवन शालाओं के लिए जो मदद आती है, वह उसी में खर्च की जाती है। इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य प्रशिक्षण, पुनर्वसन आदि में भी काम किया जाता है।

कोर्ट में साक्ष्य पेश करेंगे

मेरे द्वारा मेधा पाटकर सहित 12 लोगों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया गया है। उनके खाते से निकली राशि की जानकारी हमें सूत्रों से प्राप्त हुई है। हम कोर्ट में साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे। मैं आरएसएस तथा एबीवीपी से अवश्य जुड़ा हूं, लेकिन प्रकरण से इसका कोई संबंध नहीं है।
-प्रीतरामराज बड़ोले, शिकायतकर्ता

पहले भी लग चुके हैं ऐसे आरोप

पहले भी इस तरह के आरोप लग चुके हैं और हमारे पास आय और व्यय संबंधित समस्त दस्तावेज और आॅडिट उपलब्ध हैं। विस्थापित बच्चों के अध्ययन के लिए चलाई जाने वाली जीवन शालाएं 30 वर्षों से संचालित हैं। यह लॉकडाउन के दौरान बंद रहीं, लेकिन अभी पुन: आरंभ हो गई हैं।

-मेधा पाटकर, नेत्री, नर्मदा बचाओ आंदोलन

दस्तावेजों की जांच की जाएगी

ट्रस्ट में वित्तीय अनियमितता की शिकायत मिली थी, उस आधार पर एफआईआर हुई है। शिकायत में दी गई जानकारी के आधार पर दस्तावेजों की जांच की जाएगी।

  • दीपक कुमार शुक्ला, एसपी
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