जयपुर। विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान की राजनीति बेहद अहम मोड़ से गुजर रही है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ मंगलवार को एक दिन का अनशन कर केंद्रीय नेतृत्व को सकते में डाल दिया। अनशन को पायलट ने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के विरुद्ध बताया।
उन्होंने कहा कि राजे के कार्यकाल के दौरान जब हम विपक्ष में थे तब हमने जनता से यह वादा किया था कि वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कराएंगे। अब हमें सत्ता में आए हुए चार साल से ज्यादा का वक्त हो गया है। अब तक करप्शन के मामलों पर कार्रवाई हो जानी चाहिए थी।
पायलट ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दो बार पत्र लिखे लेकिन न तो कोई एक्शन हुआ और न ही पत्रों का जवाब आया। ऐसे में अनशन करके उन्होंने सरकार के सामने अपनी बात को रखा है। सचिन पायलट ने कहा कि भ्रष्टाचार का मुद्दा राष्ट्रव्यापी है। केंद्र में और जिन जिन राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं। वहां भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। इसी भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर राहुल गांधी ने संसद में अपनी आवाज उठाई थी। राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इसे पार्टी विरोधी कदम बताया है।