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Rocket Boys 2 Review: गजब है भारत के परमाणु संपन्न देश बनाने की कहानी, 60 के दशक की याद दिलाती है सीरीज

Rocket Boys 2

Rocket Boys 2 Review: लम्बे इंतज़ार के बाद आखिरकार रॉकेट ब्वॉज़ (Rocket Boys 2) सीजन 2 रिलीज हो गया। 50-50 मिनट के 8 एपिसोड के इस सेकंड सीज़न में, डायरेक्टर अभय पन्नु ने रॉकेट बॉयज़ की कहानी को बहुत खूबी से उकेरा है। सिनेमैटोग्राफर ने रॉकेट बॉयज़ मे 60 के दशक की ऐसी दुनिया रची है, जो आपको टाइम मशीन में पीछे ले जाती है और कहानी से जोड़ देती है। सीरीज़ का बैकग्राउंड स्कोर शानदार है।

गजब है भारत को परमाणु बम मिलने की कहानी

Rocket Boys 2: लाल बहादुर शास्त्री के बाद इंदिरा गांधी देश की कमान अपने हाथों में लेती हैं और न्यूक्लियर पॉवर मिशन एक बार फिर से शुरू हो जाता है। तमाम राजनीतिक अड़चनों के साथ होमी भाभा अपने प्लान पर काम करते रहते हैं, लेकिन उनके अपने साथी की गद्दारी के चलते विएना में होने वाले न्यूक्लियर पीस मीटिंग में जाते वक्त, उनके प्लेन में ब्लॉस्ट होता है। इस हादसे के बाद विक्रम साराभाई, अपने उसूलों के उलट… हालात के चलते न्यूक्लियर प्रोजेक्ट को पूरा करने की ज़िम्मेदारी लेते हैं और सीआईए के नाक के नीचे, पोखरन में इसकी तैयारी होती है। मगर इस मिशन के पूरा होने के पहले ही हार्ट अटैक से उनकी मौत हो जाती है। इसके बाद डॉक्टर राजा रमन्ना और डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम किन हालात में देश में पहले परमाणु बम का सफ़ल परीक्षण करते हैं।

हैरान कर देता है अब्दुल कलाम का किरदार

Rocket Boys 2: यह कहानी आपको बताएगी कि किन मुश्किलों से टकराकर होमी भाभा, विक्रम साराभाई और एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत को विज्ञान में सक्षम और न्यूक्लियर पॉवर बनाया है। एपीजे अब्दुल कलाम बने अर्जुन राधाकृष्णन को देखकर ऐसा लगता है जैसे मानों आप असल में एपीजे अब्दुल कलाम को ही देख रहे हो।

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