आज देश के सुदूर छोटे गांव तक सरकारी मदद और तमाम वित्तीय सुविधाएं व योजनाएं पहुंच रही हैं, तो उसकी वजह है केंद्र सरकार की वो प्रभावी योजनाएं जो आज धरातल पर नजर आ रही हैं। प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) (PM Jan-Dhan Yojana) भी उनमें से एक है। समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तक आर्थिक मदद पहुंचाने, बीमा और पेंशन, ऋण, निवेश से संबंधित विभिन्न वित्तीय उत्पादों को पहुंचाने के लिए जन-धन योजना की शुरुआत की गई।
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यही वजह है कि आज देश में करीब 49.49 करोड़ जन धन अकाउंट खोले गए हैं। उन खातों में लगभग 2,00,958 करोड़ रूपये जमा है। इतना ही नहीं इन खाताधारकों को रुपये कार्ड भी जारी किए गए हैं। जारी किए गए रुपे कार्ड की संख्या 33.75 करोड़ है। 27.49 करोड़ महिला खाताधारकों की संख्या हैं।
5 किमी के भीतर दी जा रही बैंकिंग सेवाएं
वित्त मंत्रालय के मुताबिक बैंक ग्राहकों को नकदी जमा, नकद निकासी, इंट्राबैंक या इंटरबैंक फंड ट्रांसफर, बैलेंस पूछताछ और मिनी स्टेटमेंट इत्यादि जैसी बुनियादी बैंकिंग सेवाओं की अंतिम मील डिलीवरी बैंकिंग आउटलेट के माध्यम से प्रदान की जा रही है।
सरकार सभी गांवों के 5 किमी के भीतर बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए बैंकिंग आउटलेट (बैंक शाखा / व्यवसाय संवाददाता / भारतीय पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) शाखा) की उपलब्धता की निगरानी कर रही है। इसी के तहत 6,01,328 मैप किए गए गांवों में से 99.63% गांव 1.71 लाख शाखाओं, 7.70 लाख बीसी और 1.44 लाख इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) के माध्यम से बैंकिंग आउटलेट द्वारा कवर किए गए हैं।
PM Jan-Dhan Yojana की मुख्य विशेषताएं
- “प्रत्येक असंबद्ध वयस्क” के लिए एक बुनियादी बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता।
- 10,000 रुपये की ओडी सीमा
- 2 लाख रुपये के इनबिल्ट दुर्घटना बीमा कवर के साथ मुफ्त रुपे डेबिट कार्ड (28.08.2018 से पहले खोले गए खातों के लिए 1 लाख रुपये)।
बता दें कि प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) (PM Jan-Dhan Yojana) अगस्त 2014 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य बैंक रहित प्रत्येक परिवार के लिए शून्य बैलेंस बैंक खाता खोलकर सार्वभौमिक बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना था, जो बैंकिंग सुविधा रहित, असुरक्षित को सुरक्षित करने और वित्त पोषण के मार्गदर्शक सिद्धांतों पर आधारित था।