संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल से लोग हो रहे परेशान | 900 के करीब कर्मी है हडताल पर - Mradubhashi - MP News, MP News in Hindi, Top News, Latest News, Hindi News, हिंदी समाचार, Breaking News, Latest News in Hindi
/

संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल से लोग हो रहे परेशान | 900 के करीब कर्मी है हडताल पर

संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल से लोग हो रहे परेशान

इंदौर। जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर इन दिनों पर्याप्त टीकाकरण नहीं हो पा रहा है। बताया जा रहा है कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल के कारण ऐसा हो रहा है।

स्वास्थ्य केंद्रों पर गड़बड़ाया टीकाकरण का गणित

बतादे कि टीके लगवाने आ रहे लोगों को निराश होकर वापिस लौट रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण से पिछड़ गया है और टीके लगाने का गणित गड़बड़ा गया है।

जानकारी अनुसार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नियमित रूप से बच्चों और अन्य लोगों को टीके लगाने की प्लानिंग करते हैं। इसके अनुसार ही स्वास्थ्य केंद्रों पर वैक्सीन भेजने का प्रारूप तैयार किया जाता है। केंद्रों पर टीके लगाने की लगभग संपूर्ण जिम्मेदारी संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को दी गई है।

विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले में इनकी संख्या 900 से अधिक है और वर्तमान में इन्होंने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल कर रखी है। इसके कारण स्वास्थ्य केंद्रों पर टीके नहीं लग पा रहे हैं। यहां आने वाले लोगों को बगैर टीके लगवाए ही लौटना पड़ रहा है। हड़ताल के कारण स्वास्थ्य अधिकारियों की प्लानिंग फेल हो रही है। सूत्रों की मानें तो जितने टीके लगवाने की तैयारी की जाती है, उसके एक चौथाई भी नहीं लग पा रहे हैं।

पूरी जिम्मेदारी संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की

बताया जा रहा है कि शहर हो या गांव सभी जगह स्वास्थ्य केंद्रों पर टीके लगाने की संपूर्ण जिम्मेदारी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की ही है, लेकिन करीब एक महीने से भी अधिक से इनकी हड़ताल चल रही है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने काम बंद कर रखा है।

लगातार प्रदर्शन और आंदोलन किया जा रहा है। इसके बाद भी सरकार इनकी मांगों का निराकरण नहीं कर रही है। इतनी लंबी हड़ताल के बाद भी आंदोलन समाप्त नहीं किया जा रहा है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि ये अपनी मांगों को मनवाकर ही आंदोलन समाप्त करेंगे। उधर, इनकी हड़ताल के कारण स्वास्थ्य केंद्रों पर व्यवस्था लगभग चरमरा गई हैं।