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देखते ही देखते पुल पंहुचा टूटने की कगार पर, बड़ा हादसा टला

राजगढ़। कुछ वर्ष पूर्व ब्यावरा से देवास तक 141 किमी की एनएच-3 सड़क को 1600 करोड़ से भी ज्यादा राशि खर्च कर फोरलेन सीसी सड़क में तब्दील कर एनएच-52 बनाया गया है। बतादें कि इस मार्ग से लगभग 60 हजार से अधिक वाहन गुजरते है। मार्ग पर बने पुल के निर्माण के दौरान ओरियंटल कंपनी की मनमानी, एनएचएआई के अफसरों की लापरवाही और मॉनीटरिंग के अभाव के चलते पुल का हिस्सा डेमेज होकर टुटने की कगार पर पहुंच गया हैं।

पुल से भारी वाहन गुजरा तो पुल एक तरह से झुल गया

बतादें कि मृदुभाषी टीम जिस समय रिपोर्टिंग कर रही थी। उस समय पुल से भारी वाहन गुजरा तो पुल एक तरह से झुल गया और ऐसा लगा मानो अभी नीचे गिर जाएगा। दोपहर करीब 12 बजे पचोर से सारंगपुर की तरफ की लेन पर यह खतरनाक मंजर देख हमारी टीम ने एसडीएम कार्यालय में पहुंचकर एसडीएम आरएम त्रिपाठी एवं तहसीलदार सौरभ वर्मा को इसकी जानकारी दी।

ओरियंटल कंपनी के निर्माण कार्यो की पोल खुल गई है।

एसडीएम त्रिपाठी ने कंपनी के अधिकारियों को तत्काल डेमेज हिस्से को सुधरवाकर जल्द से जल्द आवागमन बहाल करने के आदेश दिए। अधिकारियों द्वारा एनएचएआई के अधिकारियों को भी तत्काल सुधार करवाने के निर्देश दिये गए है। लगातार हो रही तेज बारिश से ओरियंटल कंपनी के निर्माण कार्यो की पोल खुल गई है।

राजगढ़ से मृदुभाषी के लिए प्रदीप जैन की रिपोर्ट

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