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दफ्तरों पर ताले कर्मचारी हड़ताल पर काम हुआ प्रभावित आवेदक लौटे खाली हाथ

दफ्तरों पर ताले कर्मचारी हड़ताल पर काम हुआ प्रभावित आवेदक लौटे खाली हाथ

39 सूत्री मांगों को लेकर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे सरकारी विभाग के कर्मचारी

10 हजार कर्मचारी हड़ताल पर विभागों के कर्मचारी एकजुट- कलेक्टर को सौंपेंगे ज्ञापन

धार/जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे ही कर्मचारी की मांगे भी बढ़ती जा रही है। वहीं मांगे मंगवाने के लिए हड़ताल पर उतारू आए हैं। वहीं इसी क्रम में प्रदेश भर वह अलग-अलग जिलों में कर्मचारी एक दिन के हड़ताल पर है एक दिन के हड़ताल के साथ शनिवार रविवार छुट्टी आ जाने पर 3 दिन कार्य तक कार्य नही होगा । वहीं सूचना नहीं मिलने पर ग्रामीण क्षेत्र के कहीं आवेदक जिला मुख्यालय पहुंचे मगर ऑफिस पर ताला जड़ आवेदक खाली हाथ घर लोट वही चुनावी साल देखते हुए हर विभाग के हर कर्मचारी अपने मांगे मांगो के लिए हड़ताल पर उतर रहे है इसी क्रम में सरकारी विभाग के कर्मचारी भी हड़ताल पर आ गए।

क्योंकि कर्मचारियों को भी आशा है कि चुनावी साल होने पर उनका भी कुछ उद्धार हो जाएगा वही सरकार नौकरी पर होने पर पूरा लाभ कर्मचारियों को नही मिल रहा है। अगर वह आज कुछ नहीं करते हैं तो अगले 5 साल तक उनके हित में कोई काम नहीं होता इसलिए प्रदेश भर में कर्मचारी हड़ताल पर उतर आए हैं। जिले में सरकारी कर्मचारियों ने आज प्रदेश सरकार के खिलाफ अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल कर दी।

कर्मचारी

मध्यप्रेदश अधिकारी- कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर यह हड़ताल पूरे प्रदेश में है। जिले में करीब 10 हजार कर्मचारियों ने आज काम नहीं किया। सरकारी कार्यालयों में सुबह कई जगह ताले नहीं खुले। लगभग 53 विभागों के कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। चुनावी साल होने के चलते कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। दोपहर में कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी मोर्चा समेत 6 संगठनों के आह्वान पर यह हड़ताल की जा रही है।

कर्मचारी की मुख्य मांगें :

  • लिपिक कर्मचारियों को मंत्रालय के समान ग्रेड पे का लाभ दिया जाए। पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
  • सेवानिवृत्त कर्मचारियों को धारा 49 से छूट दी जाए एवं केंद्रीय केंद्रीय तिथि से ही महंगाई राहत दी जाए पूर्व का बकाया भी प्रदान किया जाए।
  • वाहन भत्ता एवं मकान किराया भत्ता सातवें वेतनमान केंद्र अनुसार किया जाए 11 साल से वाहन एवं मकान किराए भत्ते में वृद्धि नहीं हुई है।
  • महंगाई भत्ते की बकाया राशि खातों में जमा की जाए।
  • कर्मचारियों को परिवीक्षा अवधि पूर्व की भांति की जाए 2 वर्ष बाद पूरा प्रदाय किया जाए।
  • वेतन सीपीसीटी का बंधन समाप्त किया जाए।
  • आउटसोर्स प्रथा बंद कर नियमित नियुक्ति पर कर्मचारियों को रखा जाए।

जिले में ये सेवाएं प्रभावित :
आयुक्त कोष एवं लेखा-विभागों के किसी प्रकार के बिल न लगेंगे, न पास होंगे। मकान, प्लॉट, दुकान की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी। कलेक्टर, तहसील, एसडीएम कार्यालय में नक्शा, खसरा, नामांतरण, बंटवारा सहित अन्य काम प्रभावित हुई राजस्व वसूली प्रभावित हुई। पीडब्ल्यूडी, पीएचई, आरईएस, जल संसाधन, नगर पालिका आदि विभागों में हड़ताल होने से विभागों के ताले भी नहीं खुला वह कुछ कार्य भी नहीं हुआ।

कर्मचारी

पटवारी भी हड़ताल :
पूर्व में भी पटवारी द्वारा हड़ताल की गई थी। वहीं आश्वासन के बाद भी कुछ नहीं होने के कारण फिर से पटवारी हड़ताल राजस्व ग्रुप से लेफ्ट भी हो गए हैं। पटवारियों के हड़ताल पर चले जाने से तहसील कार्यालय के काम प्रभावित हो रहे हैं। पटवारियों के हड़ताल पर रहने से नामांकन, सीमांकन, बंटान जैसे काम नहीं हो रहे हैं। जमीन की रजिस्ट्री कराने में भी दिक्कतें आ रही है। धार में रजिस्ट्री और तहसील ऑफिस सूने पड़े हैं। अफसर ही बैठकर पेंडिंग काम निपटा रहे हैं। स्लॉट बुक नहीं होने से आज जमीन की एक भी रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी।

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