धार/कुक्षी। जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में वधू को कन्यादान के रूप में सरकार की तरफ से दी जाने वाले सामग्री में लगातार अनियमितता देखने कोे मिल रही है। मनावर से शुरू हुआ घटिया सामग्री का खेल डही जनपद तक पहुंच गया है। जनपद पंचायत डही में विवाह समारोह में शामिल होने वाले जोड़ों को कन्यादान के रूप में गृह उपयोगी सामग्री सरकार की तरफ से दी जाना थी, लेकिन इस सामग्री की क्वालिटी देखने पहुंचे अफसरों ने जब सामग्री देखी तो समारोह को निरस्त करवा दिया। डही में 15 मार्च को विवाह समारोह प्रस्तावित था, लेकिन घटिया सामग्री के कारण इसे निरस्त करने की बात सामने आई है। मामला सामने आने के बाद अब कोई भी अफसर इस मामले में बात करने से बच रहा है।
गौरतलब है कि जनपद पंचायत मनावर में आयोजित मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह समारोह योजना के तहत जनप्रतिनिधियों द्वारा कन्यादान सामग्री का वितरण करवाया जा रहा था। इस बीच सांसद छतरसिंंह दरबार ने सामग्री घटिया होने का मामला उठाया था। इसके बाद मनावर से शुरू हुआ यह क्रम लगातार देखने को मिल रहा है। इसके बाद जनपद पंचायत मनावर के सीईओ पर कार्रवाई भी हुई, लेकिन दोबारा डही में इसी तरह के हालात देखने को मिले। इसके बाद प्रशासन ने आयोजन निरस्त करने का फैसला लिया।
321 जोड़ों का होना था विवाह
जनपद पंचायत डही में 15 मार्च को प्रस्तावित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत विवाह समारोह आयोजित होना था, लेकिन घटिया सामग्री सप्लाय होने का मामला सामने आने के बाद निरस्त कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार एसडीएम नवजीवन विजय पंवार और अधिकारियों ने समारोह के एक-दो दिन पहले सामग्री की जांच की थी। एक प्रत्यक्षदर्शी की मानें तो इस दौरान जब सप्लाय किया गया पंखा चलवाकर देखा तो उसकी पंखुड़ी चलते-चलते बाहर आ गई। इसके अलावा दूसरी सामग्री की भी क्वालिटी मापदंड अनुसार कमजोर पाई गई। बताया जा रहा है कि इसके बाद समारोह में किरकिरी से बचने के लिए आयोजन निरस्त कर दिया गया। जबकि आयोजन की सारी तैयारियां कर ली गई थीं।
विधायक ने प्रेस वार्ता में उठाए सवाल
घटिया सामग्री खरीदी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। पूर्व मंत्री और कुक्षी विधायक सुरेंद्रसिंह हनी बघेल ने भी इस मामले में प्रेसवार्ता ली। बघेल ने कहा कि समय रहते हुए सामग्री की जांच न करते हुए ऐनवक्त पर क्यों की गई? भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का नाम न होने के कारण इस आयोजन को आगे बढ़ाया गया है। जिससे हमारे आदिवासी लोग परेशान हो रहे हैं। ऐनवक्त पर कार्यक्रम निरस्त करने के कारण लोगों को भी परेशानी झेलना पड़ी है।