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महाकाल ने बदला पं. प्रदीप मिश्रा का भाग्य, 2003 में नानी बाई का मायरा करने उज्जैन आए थे

महाकाल ने बदला पं. प्रदीप मिश्रा का भाग्य, 2003 में नानी बाई का मायरा करने उज्जैन आए थे

उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन इन दिनों श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के मंत्र से गुंजायमान हो रही है। कथा स्थल पर ‘सीहोर वाले पंडित जी की जय’ के नारे लगाए जा रहे हैं। कथा स्थल पर पंडाल में जगह न मिलने पर भी श्रद्धालु धूप में खड़े होकर शिव महापुराण कथा का सुन रहे हैं। लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि कुछ वर्षों पहले सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा की इतनी प्रसिद्धि नहीं थी।

इसके पहले भी पंडित प्रदीप मिश्रा उज्जैन में एक बार नानीबाई का मायरा और चार बार शिव महापुराण की कथा का श्रवण शहरवासियों को करवा चुके हैं। लेकिन अब उनके लाखों अनुयायी हैं जो कि वर्तमान में प्रतिदिन उनकी कथा का श्रवण पंडाल के साथ ही घर पर टीवी के जरिए भी कर रहे हैं। दरअसल साल 2018 में समाजसेवी केतन माहेश्वरी की ओर से एक शिव महापुराण का आयोजन उज्जैन में किया गया था। इससे पहले साल 2003 में पंडित प्रदीप मिश्रा नानी बाई का मायरा करने उज्जैन में आए थे। साल 2019 में गोपाल मंदिर के पुजारी पंडित राम पाठक द्वारा आयोजित की गई शिव महापुराण कथा करने भी पंडित प्रदीप मिश्रा उज्जैन आए थे। यानी अब तक पंडित प्रदीप मिश्रा उज्जैन में 4 बार कथा कर चुके हैं

कुछ साल पहले पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा की जाने वाली शिव महापुराण की कथा और आज की जा रही कथा काफी अंतर है। अब लाखों श्रद्धालु सिर्फ और सिर्फ उनकी कथा सुनने पहुंचते हैं। उज्जैन में पंडित प्रदीप मिश्रा की करवाचुके माहेश्वरी कहते हैं कि यह देखकर कहा जा सकता है कि बाबा महाकाल ने ही पंडित प्रदीप मिश्रा का भाग्य उज्जवल कर दिया।

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