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Kadambini Ganguly: गूगल ने डूडल बनाकर डॉ.कादंबिनी गांगुली को किया याद, जानें इस महिला के संघर्ष की कहानी

गूगल आज 18 जुलाई को कादंबिनी गांगुली का 160वां जन्मदिन मना रहा है। कादंबिनी गांगुली भारत में एक चिकित्सक के रूप में प्रशिक्षित होने वाली पहली महिला थी। बेंगलुरू के अतिथि कलाकार ओद्रिजा द्वारा तैयार आज के Google Doodle में मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की पृष्ठभूमि में कादंबिनी गांगुली का एक स्केच दिखाई दे रहा है।

डूडल का चित्रण बंगलूरू के कलाकार ओड्रिजा ने किया है।

खास बात है कि इस डूडल का चित्रण बंगलूरू के कलाकार ओड्रिजा ने किया है। उल्लेखनीय है कि डॉ. कादंबिनी गांगुली एक चिकित्सक होने के अलावा महिला मुक्ति के लिए एक मुखर कार्यकर्ता और एक स्वतंत्रता सेनानी भी थीं। उनका जन्म 18 जुलाई 1861 को भागलपुर ब्रिटिश भारत (अब बांग्लादेश) में हुआ था।

1883 में रचा इतिहास

डॉ. गांगुली के पिता भारत के पहले महिला अधिकार संगठन के सह-संस्थापक थे, जिन्होंने गांगुली को तब स्कूल भेजा जब भारतीय समाज में महिलाओं की शिक्षा को महत्वपूर्ण नहीं माना जाता था। वर्ष 1883 में गांगुली और उनकी साथी चंद्रमुखी बसुइन भारतीय इतिहास में स्नातक करने वाली पहली महिला बनीं। इसके बाद उन्होंने प्रोफेसर और कार्यकर्ता द्वारकानाथ गांगुली से शादी कर ली। उनके पति ने उन्हें मेडिकल में डिग्री प्राप्त करने के लिए काफी प्रोत्साहन दिया था। कादंबिनी गांगुली वर्ष 1884 में कोलकाता मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने वाली पहली महिला बनीं। 1886 में उन्होंने अपनी चिकित्सा की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वे भारतीय-शिक्षित डॉक्टर बनने वाली पहली महिला बन गईं। यूनाइटेड किंगडम में काम करने और अध्ययन करने के बाद उन्होंने स्त्री रोग में विशेषज्ञता के साथ तीन अतिरिक्त डॉक्टरेट प्रमाणपत्र प्राप्त किए और 1890 के दशक में अपनी निजी प्रैक्टिस खोलने के लिए भारत लौट आईं। बताते चलें कि डॉ. गांगुली के जीवन पर आधारित बॉयोग्राफी ‘प्रोथोमा कादंबिनी’ वर्ष 2020 में टेलीविजन सीरीज के रूप में दर्शाई गई, जिससे आज के युवाओं को काफी प्रेरणा मिलती है। तीन अक्टूबर 1923 को कोलकाता में डॉ. गांगुली का देहांत हो गया।

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