Gupt Navratri 2022: गुप्त नवरात्रि देवी आराधना का विशेष पर्व होता है। शास्त्रोक्त मान्यता है कि इन दिनों में देवी उपासना करने से रोग-शोक का नास होता है और आरोग्य की प्राप्ति के साथ आर्थिक समृद्धि मिलती है। इस दौरान साधक को कुछ विशेष नियमों का पालन करना पड़ता है। इस बार गुप्त नवरात्रि 2 फरवरी बुधवार से प्रारंभ हो रही है।
- जिस स्थान पर आप पूजा करेंगे, वहां चूने और हल्दी से स्वास्तिक का निर्माण करें। स्वास्तिक मुख्य द्वार के बाहर भी बना सकते हैं। ऐसा करने से घर की नकारात्मकता दूर होती है। यदि स्वास्तिक को नौ दिनों तक रोजाना बनाएं तो और उत्तम फल मिलेंगे।
- देवी की प्रतिमा और कलश की स्थापना ईशानकोण में करें। ईशान कोण देवी-देवताओं को विराजित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
- नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्जवलित आग्नेय कोण में करें, पूर्व-दक्षिण की ये दिशा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। साथ ही इस कार्य से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।
- जिस चौकी या पाटे पर आप देवी प्रतिमा को विराजित कर रहे हैं, उसके ऊपर सुगंधित चंदन का लेप करें। इससे घर में सकारात्मकता व ऊर्जा का निर्माण होता है। और वास्तु दोष खत्म होता है।
- पूजा के दौरान साधक का मुंह उत्तर या पूर्व दिशा में हो। देवी की पूजा के अलावा अपने इष्ट देव का भी पूजन करना आवश्यक है। पूजास्थल पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था होना चाहिए।
- पूजास्थल पर लाल रंग के रोली या कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। लाल रंग को वास्तु में शक्ति और सत्ता का प्रतीक माना गया है।
- देवी को लाल रंग की चुनरी, साड़ी या लहंगा, लाल चूड़ियां, बिंदी, महावर, सिंदूर, मेहंदी आदि श्रंगारकी सामग्री भेंट करें और उनसे परिवार में सुख-शांति के साथ समृद्धि की कामना करें।