नई दिल्ली। उत्तर प्रदेस की राजधानी लखनऊ के लग्जरी होटल लेवाना सूईट में आज तड़के सुबह आग लग गई। आग में दो लोगों की मैत हो गई जबकि कई लोगों के झुलसने की सूचना है। आग से झुलसे 7 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हादसे में घायल लोगों से मिलने सिविल हॉस्पिटल पहुंचे है। मुख्यमंत्री हादसे की पूरी वजह और आग लगने के कारणों का जायजा ले रहे हैं। आशंका है कि शार्ट सर्किट की वजह से यह आग लगी है। बताया जा रहा है कि जिस फ्लोर पर आग लगी उस पर 30 कमरे हैं। उनमें से 18 रूम बुक थे। हादसे के वक्त वहां 40 से 45 लोग रहे होंगे।
होटल में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। पता चल रहा है कि कमरा नंबर 214 में एक परिवार फंसा हुआ है। एक कमरे में दो लोग बेहोश हो गए। चौथे फ़्लोर पर सिर्फ़ बॉर है। कटर से शीशे काटे जा रहे है। होटल से निकाले जा रहे सभी लोगों को एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा जा रहा है। बताया जा रहा है कि सुबह 6 बजे के करीब होटल में धुंआ निकलता दिखा। अलार्म बजने पर लोगों को इसकी जानकारी हुई
बताया जा रहा है कि होटल लेवाना सूईट पूरी तरह से पैक है। होटल के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए खिड़कियों के शीशे तोड़ना ही एकमात्र विकल्प है। ऐसे में खिड़कियों के शीशे काटने के लिए मशीन मंगाई गई है। होटल में धुएं के गुब्बार के बीच फायर ब्रिगेड अपना रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है। धुएं की वजह से फायर ब्रिगेड के लोगों को भी काफी दिक्कत हो रही है। होटल से बाहर निकलते धुएं के गुब्बार से लग रहा है कि अंदर आग विकराल रूप ले चुकी है। अंदर फंसे लोगों और फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों के ऑक्सीजन सिलेंडर और मास्क भी मंगाए गए हैं।
मौके पर पहुंचे डीएम और सभी बड़े अफसर
होटल लेवाना सूईट में आग लगने की सूचना पर लखनऊ के डीएम समेत प्रशासन और पुलिस के सभी बड़े अफसर मौके पर पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि होटल में हर फ्लोर पर करीब 30 कमरे हैं। कई लोगों को होटल से रेस्क्यू कर लिया गया है लेकिन अभी भी अंदर कुछ लोगों के फंसे होने की बात कही जा रही है।
रस्सी में बांधकर उतारे गए लोग
फायर ब्रिगेड ने होटल में फंसे कुछ लोगों को रस्सी में बांधकर सीढ़ी के सहारे होटल की दूसरी और तीसरी मंजिल से बाहर निकाला गया। इस काम में फायर ब्रिगेड को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ है। होटल पूरी तरह से पैक होने के चलते सिर्फ खिड़कियों के रास्ते ही अंदर घुसा जा सकता है। लेकिन खिड़कियों के बाहर लगे लोहे काटकर और शीशों को तोड़कर अंदर घुसना काफी मुश्किल भरा काम साबित हो रहा है।