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पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस के प्रयासों से बुरहानपुर जिले में रेशम विकास एवं विस्तार हेतु हुई नवीन रणनीति निर्धारित, कार्य शुरू

पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस के प्रयासों से बुरहानपुर जिले में रेशम विकास एवं विस्तार हेतु हुई नवीन रणनीति निर्धारित, कार्य शुरू

जय किशन तुलास्वानी/बुरहानपुर। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के प्रयासों के परिणाम स्वरूप बुरहानपुर जिले में रेशम विकास एवं विस्तार हेतु नवीन रणनीति निर्धारित की गई है। मध्यप्रदेश में रेशम वस्त्र कला का गौरवशाली इतिहास रहा है। प्रदेश के खरगोन (महेश्वर), अशोकनगर (चंदेरी), धार (बाघ) क्षेत्र, देश की ऐतिहासिक वस्त्र कला एवं शैली को संजोये हुए विश्वभर में प्रख्यात है। जिला बुरहानपुर भी वस्त्र, धागा निर्माण हैंडलूम एवं पॉवरलूम क्षेत्र में काफी दीर्घकाल से अग्रणी रूप में कार्य कर रहा है।

जिले में स्थानीय परिस्थितियों एवं जनकल्यानार्थ दृष्टिगत वर्ष 2006 से पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस के प्रयासों से जिले में रेशम उत्पादन का कार्य प्रारम्भ किया गया एवं वर्ष दर वर्ष जिले में रेशम के नवीन क्लस्टरों का विकास हुआ। विदित है कि रेशम उत्पादन की प्रक्रिया 30 दिवस में पूर्ण होती है। विभाग द्वारा जिले के कृषकों के उत्साह, अभिरूचि एवं श्रीमती चिटनिस के सार्थक प्रयासों के कारण, रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य एक कम्पोजिट भवन का निर्माण कराया गया है। जिसमें कृमिपालन से लेकर धागा उत्पादन तक की प्रतिक्रिया हेतु संसाधन उपलब्ध कराए गए है।

शाहपुर-ईच्छापुर रोड पर स्थित रेशम केन्द्र के माध्यम से भूमिहीन, बेरोजगार ग्रामीणों विशेषकर महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य से एक-एक एकड़ मलबरी पौधरोपित क्षेत्र आवंटित किया जाता है जिसमे वे कृषिपालन कर ककून उत्पादन से आय अर्जित करते है। विभागीय एकीकृत क्लस्टर विकास कार्यक्रम से भी निजी भूमि स्वामी को विभिन्न मदों में योजनान्तर्गत रेशम उत्पादन हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

लेकिन विगत कुछ वर्षों से जिले में रेशम गतिविधियाँ लुप्तप्रायः हो गई है। पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने इस स्थिति को संज्ञान में लेकर कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव एवं आयुक्त रेशम मदन विभीषन नागरगोजे से भेंट की। जिले में रेशम योजना के उत्तरोत्तर विकास की कार्ययोजना तैयार कराए जाने हेतु अपनी अभिव्यक्ति की। श्री श्रीवास्तव द्वारा श्रीमती चिटनिस के प्रस्ताव पर त्वरित कार्यवाही करते बुरहानपुर जिले हेतु नवीन योजना तत्काल क्रियान्वयन के निर्देश संबंधितों को दिए। साथ ही आयुक्त रेशम को प्रतिमाह समीक्षा करने हेतु भी निर्देशित किया।

पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि बुरहानपुर जिले में रेशम विकास एवं विस्तार की रणनीति निर्धारित की गई है। इसमें रेशम उत्पादन में रूचि रखने वाले निजी भूमि स्वामी कृषकों को एक एकड़ मलबरी रेशम योजना अपनाने पर राशि 2.00 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। रियायती दरों पर जिले के कृषकों को स्व.समुह प्रदान लिए जाएंगे।

केन्द्रीय रेशम बोर्ड के सहयोग से सिल्क समग्र-2 योजना का अधिकाधिक लाभ क्षेत्रीय कृषकों को प्रदान किया जाएगा। रेशम उत्पादन में रुचि रखने वाले कृषकों को राज्य के अंदर एवं राज्य के बाहर विभिन्न क्षेत्रों का प्रशिक्षित किया जाएगा। कृषकों को ककून उत्पादन पर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो, इस हेतु भावांतर योजना की तर्ज पर ककून मूल्य निर्धारित किए जाने की कार्य योजना तैयार की जा रही है।

आजीविका मिशन को सह सहयोगी क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य कराया जाना प्रस्तावित किया गया है। इस हेतु स्व.सहायता समूह को रेशम तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे क्षेत्रीय कृषकों को तकनीकी हस्तांतरण कर सके। केले के फाइबर का उपयोग रेशम की तरह वस्त्र निर्माण में किए जाने हेतु विषय विशेषज्ञों की कमेटी बनाकर शीघ्र कार्ययोजना तैयार की जाएगी जिससे कृषकों को केले तने के माध्यम से धागा निर्माण होने पर के अतिरिक्त लाभ प्राप्त हो सके।

रेशम केन्द्र में (कर्नाटक राज्य) की तरह ककून मंडी स्थापित की जाएगी, जिससे देश के व्यापारी जिले का कंकून उचित मूल्य पर क्रय कर सके। रेशम केन्द्र के भवनों का उपयोग, विभिन्न कृषक प्रशिक्षण कार्यों हेतु किया जा सकेगा। भावी रणनीति अन्तर्गत राज्य बुनकरों के माध्यम से स्थानीय बुनकरों को प्रशिक्षित किया जाकर चंदेरी, माहेश्वरी वस्त्र जिले में भी तैयार किए जाएंगे।

पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने उपरोक्त कार्यों की नियमित समीक्षा किए जाने हेतु कलेक्टर बुरहानपुर से भी चर्चा की तथा जिला वन मण्डलाधिकारी को वन भूमि मलबरी पौधारोपण हेतु शीघ्र उपलब्ध कराए जाने हेतु कहा। जिससे न केवल वन संरक्षण होगा वरन वनवासियों को ककून उत्पादन के माध्यम से सतत् रोजगार भी उपलब्ध होगा।
रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुक्रवार को भोपाल से आए रेशम विभाग उपसंचालक योगेश परमार ने उप संचालक कृषि, उप संचालक उद्यानिकी में समन्वय स्थापित कर जमीनी अलमे को रेशम योजना की जानकारी के साथ प्रशिक्षण दिया गया।

दिनांक:- 16 जून 2023
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