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डीएनए रिपोर्ट निगेटिव, फिर भी मिर्ची बाबा की 100 फीसदी जमानत के आसार नहीं

डीएनए रिपोर्ट निगेटिव, फिर भी मिर्ची बाबा की 100 फीसदी जमानत के आसार नहीं

भोपाल। मप्र में रेप के मामले में भोपाल की केंद्रीय जेल के बैरक-17 में बंद मिर्ची बाबा के लिए राहत भरी खबर आई है। उसके वकील ने बाबा की डीएनए रिपोर्ट के नेगेटिव आने का दावा किया है। मामले में वे जल्द ही जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। वकील का दावा है कि डीएनए रिपोर्ट के आधार पर बाबा को जमानत मिल जाएगी, जबकि माना जा रहा है कि निगेटिव डीएनए रिपोर्ट 100 फीसदी जमानत का आधार नहीं हो सकती।

आरोपी मिर्ची बाबा करीब 8 महीने से जेल में बंद है। उसके वकील श्रीकृष्ण धौंसेला मिर्ची बाबा के वकील श्रीकृष्ण धौंसेला ने दावा किया है कि डीएनए रिपोर्ट नेगेटिव आने से बाबा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल जाएगी। बता दे मिर्ची बाबा को 8 अगस्त 2022 को रेप के मामले में गिरफ्तार किया गया था। बाबा पर एक 28 साल की महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया था। इसके बाद उसे ग्वालियर से गिरफ्तार किया गया था। तब से वह भोपाल की केंद्रीय जेल में बंद है।

संतान होने का झांसा देकर खिलाई थीं गोलियां

रायसेन की रहने वाली 28 साल की महिला ने मिर्ची बाबा के खिलाफ रेप और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज करवाया था। रेप पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि बाबा ने मुझे भोपाल में मिनाल रेसीडेंसी आने के लिए बोला। मैं अकेली बाबा के मिनाल रेसीडेंसी पहुंच गई। वहां मुझे बाबा का चेला गोपाल लेने आया। फिर मैं बाबा के बंगले पर गई। बंगला दो मंजिला है। वहां बाबा मिले। मुझे बड़े प्रेम से बैठाया। घर में एक बाई थी, जिसने मुझे चाय पानी दिया। बाबा ने मुझे सारी बातें पूछी। मैंने अपनी सारी परेशानियां बताई। बाबा ने हाथ की नस देखी। बोला कि तुमको संतान हो जाएगी। तुम कल 12 बजे आना। जब अगले दिन मैं बाबा के घर पहुंची, तो बाबा ने मुझे कुछ साबूदाना जैसी गोलियां दी और बोला ये खा लो। इसके बाद उन्होंने भभूत खिलाई। जिसे खा कर मुझे चक्कर आ गया। इसके बाद बाबा ने मिनाल रेसीडेंसी डुप्लेक्स पर मेरे साथ रेप किया। इसके बाद जब ये बात मेरे पति को पता चली तो तब मैंने शिकायत दर्ज कराई।

ये है दोषमुक्त नहीं होने का आधार

वरिष्ठ वकील आमिर रजा ने बताया कि जरूरी नहीं कि किसी आरोपी की डीएनए रिपोर्ट नेगेटिव आए तो वह दोषमुक्त हो जाए। 5 साल पहले गुना जिले की पॉस्को मामले की विशेष न्यायाधीश वर्षा शर्मा ने नाबालिग से बलात्कार के मामले में उसके सौतेले पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस मामले में भी आरोपी की डीएनए रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। कोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए कहा था कि डीएनए रिपोर्ट को इस बिंदु पर निश्चयात्मक साक्ष्य होना नहीं ठहराया जा सकता। केवल डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को अपराध से मुक्ति नहीं दी जा सकती। इस प्रकरण पर यह उल्लेख करना आवश्यक है कि डीएनए टेस्ट स्वयं में निश्चयात्मक साक्ष्य नहीं है और उक्त डीएनए टेस्ट मात्र संपोषक साक्ष्य है। पीड़िता के साथ हुए दुष्कर्म की पुष्टि उसकी माता, भाई, बहन करते हैं। मात्र नेगेटिव डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को दोषमुक्त नहीं किया जा सकता है यदि परिस्थितिजन्य साक्ष्य पुख्ता है, तो वह आरोपित को दंडित करने के लिए काफी है।

महत्वपूर्ण होती है डीएनए रिपोर्ट लेकिन ठोस सबूत नहीं

आमिर रजा के मुताबिक डीएनए रिपोर्ट बलात्कार के मामले में महत्वपूर्ण होती है। इससे कई बार बेगुनाह को भी सजा होने से बचाया जा सकता है। लेकिन रेप के मामले में डीएनए रिपोर्ट आरोपी के पक्ष में कोई ठोस सबूत नहीं होती। न्यायालय विशेषज्ञों की भी विशेषज्ञ है। ऐसे में न्यायालय कोई भी निर्णय पारित कर सकती है विक्टिम के बयान साक्ष्यों के बयान पर भी कोर्ट उसका अनुमान लगाकर निर्णय दे सकती है।

27 साल पहले Oil Mill में तेल निकालता था मिर्ची बाबा

मिर्ची बाबा मिर्ची बाबा उर्फ (वैराग्य नंद गिरी) के पैतृक गांव में रहने वाले गुड्डू सिंह बताते हैं कि मिर्ची बाबा चार भाइयों में तीसरे नंबर का था और उसका नाम राकेश दुबे है। राकेश दुबे उर्फ मिर्ची बाबा 1995 में आॅयल मिल में तेल निकालने का काम करता था। 1997 में गांव के एक व्यापारी के यहां आॅयल मिल में काम करने लगा। उसके बाद उसका मन नहीं लगा तो उसने अपने हिस्से की 4 बीघा जमीन बेचकर ट्रक खरीद लिया। घाटा हुआ तो ट्रक बेचकर गुजरात के अहमदाबाद चला गया।

ऐसे बन गया बाबा और राजनीति में बनाई पकड़

अहमदाबाद में बाबा प्राइवेट फैक्ट्री में काम करने लगा। यहीं से उसके अंदर नागाओं बाबाओं के प्रति आकर्षण और सन्यासी बनने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई। सन 2000 में राकेश गांव के एक ट्रक ड्राइवर को इंदौर में मिला। इसके बाद से राकेश दुबे से मिर्ची बाबा उर्फ वैराग्य नंद गिरी बन चुका था और मिर्ची की धूनी चलाता था। गांव लौटा तो भिंड, मुरैना, ग्वालियर में भागवत करने लगा। भागवत के जरिए उसने राजनेताओं से कनेक्शन साधना शुरू कर दिए। यहीं से वह कांग्रेस नेताओं के संपर्क में आया।

जेल में मिर्ची बाबा करता है पूजा-पाठ

भोपाल की केंद्रीय जेल के बैरक-17 में मिर्ची बाबा उर्फ वैराग्य नंद गिरी अब शालीनता के साथ रहता है। जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने बताया कि उसका अधिकतर समय माला फेरने में कट जाता है। इसके अलावा वे सुबह उठकर जेल के अंदर बने मंदिर में पूजा करता है। पूजा करने के बाद वापस अपने बैरक में लौट जाता है। अधीक्षक ने बताया कि बाबा की बैरक में सभी अंडर ट्रायल कैदी है।

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