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मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में लड़कियों की प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने पर गहराया विवाद

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में लड़कियों की प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने पर गहराया विवाद

मध्यप्रदेश के डिंडोरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी के लिए पहुंची कुछ लड़कियों की प्रेग्नेंसी जांच कराई गई।जिस पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है।कन्याओं का प्रेगनेंसी टेस्ट पर भड़की कांग्रेस ने मध्यप्रदेश सरकार पर निशाना साधा है।

पीसीसी चीफ कमलनाथ के बाद महिला कांग्रेस ने भी मामले की जांच की मांग की है।बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के सामने महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल,जिला अध्यक्ष संतोष कसाना के नेतृत्व में कांग्रेसी महिलाओं ने सीएम शिवराज सिंह चौहान का पुतला जलाकर अपना विरोध दर्ज करवाया।

महिला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल और जिला अध्यक्ष संतोष कसाना ने इस दौरान पूरे कृत्य को महिलाओं का अपमान करार देते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की। विरोध प्रदर्शन के दौरान महिला कांग्रेस की पदाधिकारियों ने महिलाओं का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान, की नारेबाजी करते हुए अचानक से सीएम शिवराज के पुतले को आग के हवाले कर दिया।इस दौरान जलते हुए पुतले को छुड़ाने के लिए पुलिस की महिला नेत्रियों से झूमा झटकी भी हुई।

गौरतलब है की बीते दिनों डिंडौरी जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह से पहले प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने से बवाल हो गया। यहां टेस्ट में 5 लड़कियों के पॉजिटिव आने पर उन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया। कलेक्टर विकास मिश्रा ने कहा था कि लड़कियां पहले से शादीशुदा थी। कन्यादान योजना में 224 जोड़ों का विवाह होना था। इसमें 219 जोड़े ही शामिल हुए। डिंडौरी से कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम ने विवाह से पहले प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने को लड़कियां का अपमान बताया था

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