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बीमार बहन को बाइक पर खटिया बांधकर ले जाने को मजबूर भाई, वीडियो हुआ वायरल

देवास। सरकार अपनी स्वास्थ सेवाओं को लेकर भले ही लाख दावें करती हो, लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति चिंताजनक हैं। ऐसा ही एक ताजा उदाहरण देवास जिले के ग्राम मिर्जापुर में भी देखने को मिला। जहां दो मजबूर भाई अपनी एकलौती बहन को उपचार के लिए बाइक पर खटिया बांधकर ले जाने को मजबूर है। पिछले 18 महीनों से यह भाई अपनी बहन को उपचार के लिए इस ही तरह ले जा रहें हैं। इनका खटिया पर अपनी बहन को ले जाने का एक वीडियो वायरल होने के बाद सीएमएचओ ने भी अपना बयान जारी कर घटना को भ्रामक जानकारी करार दिया था, लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है।

देवास के सतवास स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का एक वीडियो वायरल होने के बाद अब स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़ा हो गया हैं। वीडियो में दिखाई दे रहा था कि एक मजबुर बहन को उपचार के लिए उसके भाई बाइक पर खटिया बांधकर उस पर लेटाकर ला जा रहे हैं। यह महज एक वायरल वीडियो नहीं हैं, बल्कि एक कड़वा सच हैं। मामले में जब जानकारी जुटाई गई तो उसके बाद इस घटना से जुड़ी सच्ची कहानी स्पष्ट हो पाई। दरअसल ग्राम मिर्जापुर की रहने वाली 20 वर्षीय योगिता करीब डेढ़ वर्ष पूर्व एक सूखे कुएं में गिर गई थी, जिसकी वजह से उसके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। जिसके बाद से ही योगिता को डायलेसिस के लिए हर महीने अस्पताल ले जाना पड़ता है। अस्पताल जाने के लिए पीड़िता के भाई विजेश और अजय ने शासकीय एम्बुलेंस की कई बार मदद भी मांगना चाही, मगर उन्हें कभी भी एम्बुलेंस की सहायता प्राप्त नहीं हुई। मजबूरन दोनों भाईयों ने यह जुगाड़ बनाया और अपनी बहन को अस्पताल ले जाने लगे।

योगिता के बड़े भाई विजेश के मुताबिक उनके पास आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी उन्हें शासन की किसी प्रकार की उपचार सहायता नहीं मिल रहीं हैं। बल्कि इस मजदूर परिवार को दवाइयां भी मेडिकल से खरीदना पड़ती हैं। विजेश ने बताया कि हमारा परिवार मजदूरी करके गुजर बसर करता है। हम अपनी बहन को लेकर अब तक कई अस्पतालों में भटक चुके हैं व लाखों रुपये खर्च हो जाने के बाद भी उनकी बहन का ठीक से उपचार नहीं हो सका। वहीं इनका वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य अमला हरकत में आया व परिवार की सहायता करने की बात तो कहीं, लेकिन मामले में जब सीएमएचओ एमपी शर्मा से सवाल किया गया तो उनका कहना था, कि पीड़ित युवती को हमेशा 108 से लाया जाता हैं,

इस बार उन्होंने 108 के लिए कॉल ही नहीं किया और जो खटिया पर लाना बताया गया हैं ऐसा नहीं हुआ हैं।

बहरहाल अब सीएमएचओ की बात कहां तक सच हैं, इसको इसी बात से ही समझा जा सकता हैं कि पीड़ित योगिता के भाई के मुताबिक वह पिछले 18 महीनों से अपनी बहन को बाइक पर खटिया बांधकर इसी तरह ले जा रहें हैं और उन्हें उपचार भी अपने ही खर्च पर करवाना पड़ रहा है।

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