नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतपे के को-फाउंडर रहे अशनीर ग्रोवर को समन जारी किया है। यह समन कंपनी के ही दूसरे को-फाउंडर भाविक कोलाडिया की ओर से दायर याचिका के मामले में जारी हुआ है। भाविक कोलाडिया अशनीर ग्रोवर को ट्रांसफर किए गए शेयर्स को री-क्लेम करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट की शरण में गए हैं।
हाईकोर्ट ने अब इसी मामले में सुनवाई करते हुए शार्क टैंक के जज रहे अशनीर ग्रोवर के साथ भारत पे को भी समन भेजा है। दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की अदालत में इस मामले पर लगभग एक घंटे तक सुनवाई चली। उसके बाद अदालत ने अशनीर ग्रोवर को निर्देश दिया कि अगला आदेश आने तक वह 16,110 शेयरों कोई थर्ड पार्टी अधिकार जारी नहीं कर सकते।
वादी कंपनी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि ग्रोवर का मामला लंबित होने के बावजूद वह आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं. इसपर ग्रोवर के वकील ने कहा कि ‘दोनों तरफ से छींटाकशी, आरोप और मानहानि की जा रही है’ और दावा किया कि वादी की ओर से यहां तक सूचनांए लीक की जा रही हैं. अदालत ने टिप्पणी की, ‘वास्तव में सोशल मीडिया के कारण यह स्थिति हुई है. हम यहां क्या कर रहे हैं? दोनों को एक दूसरे के प्रति विनम्रता रखनी चाहिए…आप अलग हो चुके हैं, मुकदमे पर पक्ष रखें.’
अदालत ने ग्रोवर के वकील से कहा, ‘उन्हें (ग्रोवर को) सलाह दें. अगर कुछ है तो आप माननीय (राजीव) नायर (जो भारत पे की ओर से पेश हुए) को कहें कि उनके मुवक्किल ने यह किया है. वह अपने मुवक्किल को सलाह देंगे.’ ग्रोवर के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने मध्यस्थता के लिए आवेदन दाखिल किया है और कंपनी द्वारा अपने अधिकारियों का समर्थन हेतु कथित मानहानि का मुकदमा दायर नहीं किया जा सकता जबकि उन्होंने हमेशा कंपनी की प्रशंसा की है.