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Aditya Mission: चांद फतह करने के बाद सूर्य की बारी, सितंबर में लांच होगा आदित्य मिशन, जानें ISRO प्रमुख ने क्या कहा

Aditya Mission: चांद फतह करने के बाद सूर्य की बारी, सितंबर में लांच होगा आदित्य मिशन, जानें ISRO प्रमुख ने क्या कहा

Aditya Mission Launching: चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) की चांद पर सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद अब अगले महीने सूर्य मिशन (Surya Mission) शुरू होगा। आदित्य मिशन (Aditya Mission) को सितंबर में लांच किया जाएगा। इसकी पुष्टि इसरो प्रमुख (isro chief) एस सोमनाथ ने की है। एस सोमनाथ (S Somnath)ने कहा है कि चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) की सफलता का वर्णन करना बहुत मुश्किल है। उस वक्त मेरे मन में क्या चल रहा था,यह बता नहीं सकता। यह खुशी हो सकती है। उपलब्धि का सार हो सकता है। उन सभी को धन्यवाद देना हो सकता है, जिनका इसमें योगदान है।

इसरो प्रमुख ने सूर्य मिशन आदित्य एल-1 और गगनयान मिशन पर कहा कि सूर्य के लिए आदित्य मिशन (Aditya Mission) सितंबर में लांच किया जाएगा। इसकी तैयारी जारी है। गगनयान (Gaganyaan Mission) पर भी भी काम जारी है। इसरो प्रमुख (isro chief) ने कहा कि हम क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए सितंबर या अक्टूबर अंत तक एक मिशन करेंगे।

आदित्य एल-वन (Aditya L-One) की लांचिंग तिथि इसरो (ISRO) जल्द घोषित कर सकता है। ऐसी उम्मीद है कि सितंबर के पहले सप्ताह में मिशन लांच किया जाएगा। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के निदेशक व आदित्य एल-वन मिशन आउटरीच कमेटी के सह अध्यक्ष प्रो. दीपांकर बनर्जी ने बताया कि भारत आदित्य एल-वन मिशन (Aditya L-One Mission) के माध्यम से अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

इसके लिए इसरो पेलोड (isro payload) समेत अन्य उपकरण तैयार हो चुके हैं। प्रारंभिक कंपन परीक्षण पूरी है। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के एकीकरण का काम भी अंतिम चरण पर है। आदित्य को अंतरिक्ष में लैग्रेंज पाइंट्स यानी एल-1 कक्षा में स्थापित करने का लक्ष्य है। इसके माध्यम से सूर्य पर होने वाली गतिविधियों का 24 घंटे अध्ययन करेगा।

Aditya Mission: चांद फतह करने के बाद सूर्य की बारी, सितंबर में लांच होगा आदित्य मिशन, जानें ISRO प्रमुख ने क्या कहा

Aditya Mission: सूर्य मिशन में अमेरिका, जर्मनी और यूरोपीय संघ कामयाब

इसरो (ISRO) की आदित्य मिशन (Aditya Mission) परियोजना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद महत्वपूर्ण है। इस पर एक दशक से काम हो रहा है। अब चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) की सफलता ने सूर्य मिशन (Aditya Mission) की राह और आसान की है। आदित्य-एल-वन मिशन (Aditya L-One Mission) का अहम काम सीएमई यानी सूर्य से पृथ्वी की ओर आने वाले सौर तूफानों का निरीक्षण और मल्टी वेव लेंथ में सौर पवन की उत्पत्ति का अध्ययन करना है।

यह रिमोट-सेंसिंग और इन-सीटू(प्रत्यक्ष) दोनों उपकरणों के माध्यम से सौर हवा की उत्पत्ति, सौर फ्लेयर्स, सौर तूफान, सीएमई के विकास और मौसम पर उसके प्रभावों का अध्ययन कर सकेगा। अब तक अमेरिका, जर्मनी व यूरोपीय ही सूर्य मिशन (Aditya Mission) में कामयाब हुआ है।

चांद पर 7 दशकों में 111 मिशन गए, 66 सफल

पिछले 7 दशकों में चांद पर 111 मिशन भेजे गए हैं। इनमें से 66 मिशन सफल हुए हैं। जबकि 41 मिशन फेल हो गए हैं। आठ मिशन आंशिक रूप से सफल रहे। इसरो के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर का कहना है कि मून मिशन के सफल होने की संभावना 50 प्रतिशत रहती है। 1958 से 2023 तक अमेरिका, रूस, चीन, जापान, भारत, इजरायल, यूरोपिय संघ ने कई तरह के मिशन भेजे हैं। इनमें इम्पैक्टर, ऑर्बिटर, लैंडर-रोवर, फ्लाईबाई शामिल हैं।

2000 से 2009 तक में छह लूनर मिशन भेजे गए थे। यूरोप का स्मार्ट-1, जापान का सेलेन, चीन का चांगई-1, भारत का चंद्रयान-1, अमेरिका लूनर रीकॉनसेंस ऑर्बिटर। 1990 से 2023 तक में अमेरिका, जापान, यूरोपिय संघ, चीन, इजरायल और भारत ने मिलकर 21 मून मिशन भेजे हैं।

चांद पर 68 किलो के इंसान का वजन 11 किलो रह जाता

इंसान का वजन चांद पर काफी कम हो जाता है। पृथ्वी के मुकाबले चांद का गुरुत्वाकर्षण काफी कम है। इस वजह से इंसान का वजन चांद पर कम होता है। धरती पर जिस इंसान का वजन 68 किलो है, उसका वजन चांद पर 11 किलो रह जाता है। बता दें चांद की उम्र 4.5 अरब साल है। पृथ्वी से चांद की दूरी 384403 किलोमीटर है। चांद का वजन 81 अरब टन है।

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