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एक ऐसा पैलेस जिसकी सुंदरता में झलकती है इसकी शाश्वत उदासी

एक ऐसा पैलेस जिसकी सुंदरता में झलकती है इसकी शाश्वत उदासी

आरती शर्मा- दतिया महल, जिसे बीर सिंह महल या बीरसिंह देव महल भी कहा जाता है, मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर से लगभग 75 किमी दूर स्थित है। दतिया किले में कुल 7 मंजिलें हैं वर्तमान में यहाँ पर शाही परिवार का कोई सदस्य नहीं रहता है। बुंदेलखंड में दतिया साम्राज्य के संस्थापक – महाराज बीरसिंह देव ने देश भर में ऐसे 52 स्मारक बनवाये थे। दतिया के महल या सतखंडा महल को दतिया महल भी कहा जाता है, साथ इसे ही पुराण महल या “पुराना महल” भी इसे कहते है।

दतिया पैलेस विशेष रूप से मुगल सम्राट जहांगीर के स्वागत के लिए राजा बीर सिंह देव द्वारा बनवाया गया था। ऐतिहासिक रिकॉर्ड बताते हैं कि यह जहांगीर ही था जिसने बीर सिंह देव को बुंदेलखंड का शासक बनाया था। इसलिए, उन्होंने जीवन भर एक अच्छी दोस्ती साझा की। यह महल लगभग 80 मीटर लंबा और बहुत ही व्यापक है। यह बहुत ही सुंदर और मजबूत महलों मे से एक माना जाता है।

जहां आज तक कोई शासक नहीं रहा

दतिया पैलेस में कभी कोई शासक का निवास नहीं करता। जी हां, अजीब है लेकिन यह एक ऐसा महल है, जहां कभी राजघराने से कोई नहीं रहता था। बीर सिंह देव सहित कोई भी शासक महल में नहीं रहता था। और यह एक रहस्यमय या प्रेतवाधित जगह जैसा दिखता है।वास्तव में, सम्राट जहांगीर कभी भी यात्रा के लिए नहीं आए, हालांकि इस महल के निर्माण का पूरा उद्देश्य उनकी यात्रा को चिह्नित करना था।

सतखंडा महल का इतिहास

इस महल के निर्माण में नौ साल और 35 लाख रुपये की लागत आई थी। यह पैलेस दतिया शहर की एक पहाड़ी पर बनाया गया है । दतिया महल देश में बुंदेला राजपूत और मुगल वास्तुकला के बेहतरीन उदाहरणों में से एक माना जाता है। यह पैलेस राजा बिरिसिंग देव द्वारा बनाये गए सभी 52 महलों में से सबसे बड़ा और सबसे प्रसिद्ध है और इस महल को दूर से भी आसानी से देखा जा सकता है।

दतिया पैलेस के कुछ अनकहे किस्से

इन इमारत में जो भी गया वो कभी वपिस नहीं आ पाया। क्योंकि यह एक भूल भुलैया है, जिससे कोई भी वह से वपिस नहीं आ पाता है।और ऐसी वजह से सरकार की तरफ से अब इन भूमिगत इमारत को सील करवा दिए गया है। आपको इस महल की कुछ ही कमरें ही देखने मिलते है। दूर से देखने पर यह महल एक रहस्यमयी ठंडी जगह जैसा लगता है, लेकिन एक बार इसकी गहराई में जाने पर आप इसकी कहानी से अवगत हो जाते है।

आपको इस पैलेस तक आने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट मिल जाता है। यहां पर आपको कोई भी गाइड वगैरह की सुविधा नहीं मिलती है। इस महल के अंदर आपको खूबसूरत पेंटिंग देखने के लिए मिलती हैं, जिनके कलर आज भी नए से लगते है। यहां पर आप पत्थर पर की गई नक्काशी भी देख सकते है। यहां पर छतरियां बनी हुई है, जिन्हें आप देख सकते है। वीर सिंह महल में प्रवेश का किसी भी तरह कोई भी

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