भारत ने एक बार फिर युद्धग्रस्त सूडान से अपने नागरिकों को बचा कर अपने नाम का डंका बजा दिया है। बतादे कि भारत युद्धग्रस्त सूडान से अपने नागरिकों को बचा रहा है जहां देश की सेना और एक अर्धसैनिक समूह के बीच घातक लड़ाई में कथित तौर पर लगभग 400 लोग मारे गए हैं। लेकिन जिस चीज ने लोगों का ध्यान खींचा वह है मिशन का नाम- OPERATION कावेरी।
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चाहे वह युद्ध हो, प्राकृतिक आपदाएँ हों या आपदाएँ, भारत ने कभी भी अपने नागरिकों को विदेश में नहीं छोड़ा और सफल निकासी अभियान या OPERATION चलाया। वसुधैव कुटुम्बकम (विश्व एक परिवार है) की अपनी सदियों पुरानी परंपरा की भावना में, भारत ने अन्य देशों को भी महामारी के बीच कोविड-19 टीके उपलब्ध कराने से लेकर तुर्की और सीरिया में दवाइयां, खोज और बचाव दल भेजने तक की जरूरत के समय मदद की है। घातक भूकंप के बाद।
OPERATION वंदे भारत चलाया था.
कोरोना महामारी के दौरान तमाम देशों में वैश्विक यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. उस समय तमाम भारतीय जो दूसरे देशों में काम कर रहे थे, वो वहां फंस गए थे. उन भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए भारत सरकार ने OPERATION वंदे भारत चलाया था.
55 दिनों तक चला था OPERATION समुद्र सेतु.
ये एक नौसैनिक अभियान था जिसे कोरोना महामारी के दौरान ही चलाया गया था. तब 3,992 भारतीय नागरिकों को समुद्र के रास्ते देश वापस लाया गया. 55 दिनों तक चले इस अभियान को OPERATION समुद्र सेतु.
गिनीज बुक में शामिल है ये अभियान.
1990 में इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन ने सैनिकों और टैंकों के साथ कुवैत पर आक्रमण कर दिया था. देश के कई महत्वपूर्ण अधिकारी सऊदी अरब भाग गए थे. उस समय भारत सरकार की तरफ से OPERATION कुवैत चलाया गया था. इस ऑपरेशन के जरिए 170,000 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया.उस समय इस अभियान का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया.