GI Tag : महाकाल की नगरी उज्जैन की भैरवगढ़ प्रिंट को बड़ी उपलब्धि मिली है। भैरवगढ़ की विख्यात भेरूगढ़ ‘बटिक प्रिंट’ को GI Tag दिया गया है। जी आई टैग नहीं होने के कारण क्षेत्र के लोगों को व्यापार करने में समस्या आ रही थी। टेक मिलने के बाद देश विदेश में भेरूगढ़ प्रिंट का नाम होगा। सीएम शिवराज सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए समस्त कलाकारों और राज्य के निवासियों को बधाई दी है।
उज्जैन के भेरूगढ़ प्रिंट को GI Tag मिलने से शहर ही नहीं मध्य प्रदेश का नाम रोशन हुआ है। भैरव गढ़ क्षेत्र में पिछले कई दशकों से कपड़े पर पेंट का काम हाथों से किया जा रहा है। भेरूगढ़ प्रिंट को लोगों ने अपना खुद का टेक बना लिया था। यहां पर होने वाली बटिक प्रिंट कपडे पर छपाई की एक पारंपरिक तकनीक है, बटिक प्रिंट कपडे पर अपने आकर्षक और सुंदर डिजाइनों के लिए प्रसिद्ध है। इस तकनीक में मोम और रंग के कॉम्बिनेशन से शानदार डिजाइन बनाई जाती है। जो विशेष कर भैरवगढ़ में लगभग 500 सालों से यहाँ के स्थानीय कलाकारों द्वारा किया पीढ़ी-दर-पीढ़ी किया जाता रहा है।
5 उत्पादों को GI Tag दिया है
भैरवगढ़ में 80 के लगभग हैंडलूम है। बटिक कार्य से 2500 से अधिक लोगों का भरण-पोषण होता है। अपनी खूबसूरत कपड़ो की छपाई के लिए देश भर में मशहूर भेरूगढ़ ‘बटिक प्रिंट को GI Tag मिलने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियो को शुभकामना दी है। केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के इंडस्ट्री प्रमोशन एडं इंटरनल ट्रेड ने मध्य प्रदेश के 5 उत्पादों को जीआई टैग दिया है।
जिन उत्पादों को यह GI Tag मिला है, वो है डिंडौरी की गोंड पेंटिंग, ग्वालियर का कालीन, उज्जैन की बटिक प्रिंट, भेड़ाघाट (जबलपुर) का स्टोन क्राफ्ट, वारासिवनी (बालाघाट) साड़ी और रीवा का सुंदरजा आम शामिल है। सीएम ने ट्विटर पर लिखा कि उज्जैन के “बाटिक प्रिंट” को ‘GI Tag मिलना गर्व व आनंद का विषय है। इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए समस्त कलाकारों और प्रदेशवासियों को बधाई। यह टैग मिलने से न केवल हमारे कलाकारों और प्रदेश को नयी पहचान मिली है, अपितु समृद्धि का भी नव मार्ग प्रशस्त हुआ है।