तुर्की में मंगलवार को फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटकों की तीव्रता 5.9 थी. तुर्की में इससे पहले सोमवार को भूकंप के तीन तेज झटके लगे थे. इनमें से पहला भूकंप सुबह 4 बजे 7.8 तीव्रता का आया. इसने सबसे ज्यादा तबाही मचाई. इसके बाद 7.5 और 6 तीव्रता के भूकंप आए. तुर्की में पिछले 24 घंटे में 2900 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं, तुर्की-सीरिया में अब तक 4360 लोगों की मौत हो चुकी है. तुर्की में 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा हुई है।
तुर्की में सोमवार सुबह 04:17 बजे भूकंप आया था. इसकी गहराई जमीन से 17.9 किलोमीटर अंदर थी. भूकंप का केंद्र गाजियांटेप के पास था. यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर स्थित है. ऐसे में सीरिया के कई शहरों में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए. यह तुर्की में 100 साल में सबसे तीव्रता वाला भूकंप बताया जा रहा है. US Geological Survey के मुताबिक, भूकंप के बाद 77 झटके लगे. इनमें से एक झटका 7.5 तीव्रता का था. जबकि एक झटका 6.0 तीव्रता का था. इन सारे झटकों का केंद्र गाजियांटेप से 80 किमी के दायरे में था।
यूरोपीय संघ : कम से कम 13 सदस्य देशों ने तुर्किये की मदद के लिए खोज एवं बचाव दल भेजने व अन्य सहायता देने की पेशकश की. आपातकालीन मानचित्रण सेवाएं प्रदान करने के लिए कॉपरनिकस उपग्रह प्रणाली को सक्रिय किया. सीरिया के मानवीय सहायता कार्यक्रमों में भी सहयोग देने को तैयार होने की घोषणा की।
खोज एवं बचाव अभियान में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य तुर्किये की मदद के लिए कैलिफोर्निया में लॉस एंजिलिस काउंटी के लगभग 100 दमकल कर्मियों और इंजीनियरों को विशेष रूप से प्रशिक्षित आधा दर्जन खोजी कुत्तों के साथ अंकारा रवाना किया।
सीरिया में तैनात रूसी सैनिकों ने 300 जवानों से लैस दस टुकड़ियों को मलबा हटाने और उसमें दबे जिंदा लोगों की तलाश करने के लिए भेजा. रूसी आपातकालीन मंत्रालय के बचाव दल भी सीरिया की उड़ान भरने को तैयार हैं. मानवीय सहायता के वितरण के लिए विभिन्न केंद्र स्थापित करने की योजना. तुर्किये को भी मदद की पेशकश की।
तुर्किये और सीरिया में मंगलवार को फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। एक दिन पहले आए 3 बड़े झटकों के बाद दोनों देशों के कई शहर तबाह हो गए हैं। 24 घंटे बाद भी यहां लाशें मिलने का सिलसिला जारी है। अभी भी बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स के कई टन मलबे के नीचे जिंदगियां तलाशी जा रही हैं। बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, जो मिल रहे हैं, उनकी हालात देख रेस्क्यू टीम के हाथ कांप रहे हैं। किसी के जिंदा होने की खबर मिलते ही उसे बचाने को कोशिशें और बैचेनी बढ़ जाती है।
तुर्किये के सानलिउर्फा प्रांत में ऐसा ही वाक्य देखने को मिला, जब एक महिला को 22 घंटे बाद जिंदा बाहर निकाला गया। रेस्क्यू टीम को ये महिला बेहोश हालात में मिली। उधर सीरिया के अलेप्पो में भी लोगों को बिल्डिंग्स की छतें काटकर निकाला जा रहा है। ऐसा मंजर दोनों देशों के कई शहरों में है।
तुर्किये और सीरिया में ये तबाही 3 बड़े भूकंपों के बाद आई। पहला तुर्किये के वक्त के मुताबिक, सोमवार सुबह करीब चार बजे (7.8), दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0) आया। इसके अलावा 243 आफ्टर शॉक्स दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही।
दोनों देशों में 4,300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्किये में 2,921 लोगों की जान जा चुकी है और 15 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सीरिया में 1,444 लोग मारे गए और 2 हजार से ज्यादा जख्मी हैं।
तुर्किये के 10 प्रांतों में तबाही, तो सीरिया का अलेप्पो शहर तबाह
तुर्किये के 10 से ज्यादा प्रांतों में भारी तबाही हुई है। यहां 6,217 से ज्यादा इमारतें धराशायी हो गई हैं। सीरिया में भी भूकंप की वजह से ऐसे ही हालात हैं। यहां भूकंप प्रभावित कई इलाके बशर अल असाद की सरकार और विद्रोहियों के कब्जे में हैं, जिसकी वजह तबाही का सटीक आंकड़ा मिलना मुश्किल हो रहा है।
सीरियाई सरकार की एजेंसी सना ने बताया है कि अलेप्पो शहर में कई ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुंचा है। UN के प्रवक्ता के स्टीफन दुजारिक के मुताबिक नॉर्थ वेस्ट सीरिया में 224 इमारतें गिरी हैं और 325 को काफी नुकसान पहुंचा है।
तुर्की में मंगलवार सुबह 8.53 पर फिर भूकंप आया। इसका एपिसेंटर अंकारा प्रांत के मध्य एंटोलिया था।
तुर्किये में सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।
भारतीय एयरफोर्स का C-17 विमान मदद लेकर तुर्की रवाना। सरकार ने NDRF की 2 टीमें वहां भेजने का फैसला किया है। इसके अलावा, राहत साम्रगी और डॉक्टरों की टीम को भी तुर्की में भेजा गया है।
तुर्किये के वाइस प्रेसिडेंट फुआत ओक्ते ने बताया कि 10 शहरों में इमरजेंसी और रेड अलर्ट जारी किया गया है। सभी स्कूल-कॉलेज एक हफ्ते बंद रहेंगे। फिलहाल, 200 फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं।
तुर्किये में 16 हजार से ज्यादा बचाव कर्मियों को प्रभावित इलाके में भेजा जा चुका है।
सीरिया के उत्तर पश्चिमी इलाके में जेल में कैद ISIL के 20 आतंकी भूकंप का फायदा उठाकर भाग गए। लगभग 2,000 कैदी तुर्किये के बॉर्डर पर राजो कस्बे की जेल में कैद थे। जैसे भी भूकंप आया इन कैदियों ने भागने की कोशिश की। रोके जाने पर इन्होंने जेल में विद्रोह कर दिया था।
कड़ाके की ठंड से बचाव कार्य प्रभावित, तापमान माइनस में
UN ने कहा है कि बर्फबारी और बारिश के कारण भूकंप से प्रभावित दोनों ही देशों में बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। इमरजेंसी सर्विसेज की टीमों को रेस्क्यू में काफी दिक्कत हो रही है। तुर्किये के हताय प्रांत में एक आदमी ने रोते हुए रॉयटर्स को बताया कि इमारतों के ढेर में दबे लोग जान बचाने के लिए चीख रहे हैं। भूख, चोट और कड़ाके की ठंड से परेशान हैं।
वहीं, सीरिया में बचाव कार्यों में लगी व्हाइट हेलमेट्स की टीम के सदस्य रायद अल सालेह ने बताया कि जगह-जगह दबे लोगों को बचाने का काम वक्त के खिलाफ रेस की तरह लग रहा है।