पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के खिलाफ कुवैत के फहील इलाके में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। इसके बाद कुवैत सरकार ने सख्त एक्शन लेते हुए पैगंबर के समर्थन में नारेबाजी करने वाले प्रवासी प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। उन्हें उनके देश वापस भेजने का भी फैसला किया गया है। इसके अलावा उनका दोबारा कुवैत आना बैन कर दिया जाएगा। कुवैत के न्यूजपेपर अरब टाइम्स के मुताबिक, फहील में प्रवासियों (कुवैत में रहने वाले विदेशियों) ने जुमे की नमाज के बाद नूपुर शर्मा के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इससे कुवैत सरकार बेहद नाराज है। इसे सीधे तौर पर कुवैती कानून का उल्लंघन माना जा रहा है।
कुवैत समेत 57 देशों में विरोध
इस मुद्दे पर पहले 57 मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन ने विरोध जताया और इसके बाद कुछ अरब देशों ने भारतीय उत्पादों का बहिष्कार शुरू कर दिया। इसके साथ ही ईरान, इराक, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, ओमान, यूएई, जॉर्डन, अफगानिस्तान, बहरीन, मालदीव, लीबिया, इंडोनेशिया, तुर्की, मलेशिया और पाकिस्तान ने भी बयान का विरोध किया है।
कुवैत में हैं 4.5 लाख भारतीय
भारत और कुवैत के बीच ऐतिहासिक रूप से रिश्ते काफी मजबूत रहे हैं। भारत अपनी जरूरत के आॅयल का एक बहुत बड़ा हिस्सा यहां से इम्पोर्ट करता है। वहीं, कुवैत में काम करने वाले कुल भारतीयों की संख्या करीब 4.5 लाख है। कुवैत की कुल आबादी में 75 फीसदी प्रवासी हैं, जिसमें सबसे ज्यादा भारतीय हैं। इससे भारत को 5.5% विदेशी मुद्रा मिलती है।
उइगर मुस्लिमों का नरसंहार करने वाले चीन ने भी दिया भारत को ज्ञान
चीन में उइगर मुस्लिमों के क्या हालात हैं इससे लगभग पूरी दुनिया वाकिफ है। लेकिन अपने देश में मुस्लिमों का नरसंहार करने वाले चीन ने अब भारत को ज्ञान दिया है। चीन ने कहा कि वह मानता है कि विभिन्न सभ्यताओं, विभिन्न धर्मों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और समान स्तर पर सह-अस्तित्व में रहना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं द्वारा की गई कथित टिप्पणियों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को लेकर सरकारी चीनी मीडिया द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि हमने प्रासंगिक खबरों पर गौर किया हैं। हमें उम्मीद है कि संबंधित घटना से ठीक से निपटा जा सकता है।उन्होंने कहा कि अहंकार और पूर्वाग्रह को त्यागना महत्वपूर्ण है और सभी को एक दूसरे के धर्मों का सम्मान करना चाहिए।
ब्रिटेन में पैगंबर मोहम्मद की बेटी पर बनी फिल्म का इमाम ने किया विरोध,सरकार ने की कार्रवाई
ब्रिटेन में पैगंबर मोहम्मद की बेटी लेडी फातिमा पर बनी फिल्म द लेडी आॅफ हेवन को लेकर हुए विवाद के बीच एक इमाम को ब्रिटिश सरकार ने सरकारी नौकरी से निकाल दिया है। इमाम कारी आसिम इस्लामोफोबिया पर ब्रिटेन सरकार के स्वतंत्र सलाहकार के रूप में कार्यरत थे जिन्हें शनिवार को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया। इमाम लेडी फातिमा पर बनी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के अभियान का समर्थन कर रहे थे, इसी कारण उन पर ये कार्रवाई की गई। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कारी आसिम 2012 में लीड्स में सामुदायिक सद्भाव बनाने के लिए आॅर्डर आॅफ द ब्रिटिश एम्पायर (एमबीई) के सदस्य नियुक्त किए गए थे। इमाम को लेवलिंग अप, हाउसिंग एंड कम्युनिटीज विभाग की तरफ से एक पत्र द्वारा बताया गया कि उन्हें उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है। सरकार की तरफ से कहा गया कि उनकी नौकरी इसलिए समाप्त की गई क्योंकि उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करने के अभियान को समर्थन दिया है।