वॉशिंगटन। धरती को क्षुद्रग्रहों और अंतरिक्ष में मौजूद अन्य बड़े खतरों से बचाने की संभावनाएं तलाशने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बुधवार को खास डबल एस्टेरॉइड रिडाइरैक्शन टेस्ट (डीएआरटी) मिशन लॉन्च किया। इसके तहत डीएआरटी स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में भेजा गया है। यह अंतरिक्ष विमान स्पेस में मौजूद डिमॉरफस नामक छोटे चांद (क्षुद्रग्रह) से सीधे टकराएगा और उसके रास्ते को बदलने की कोशिश करेगा। इस टक्कर के नतीजों से भविष्य में धरती को बचाने में मदद मिलेगी। जानकारी के अनुसार नासा का डीएआरटी स्पेसक्राफ्ट डिमॉरफस नामक छोटे चांद से 6.6 किलोमीटर प्रति सेकंड या 24 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टकराएगा। दोनों में यह टक्कर 26 सितंबर 2022 से लेकर 2 अक्टूबर 2022 के बीच संभव मानी जा रही है।
तकनीक का पहला प्रदर्शन
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इसे प्लानेट्री डिफेंस नाम दिया है। यह प्रयोग इसलिए किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि अगर भविष्य में कोई क्षुद्रग्रह पृथ्वी की ओर आता हुआ दिखाई देता है तो क्या उसे उसके यात्रा पथ से विचलित करने में यह तकनीक कारगर साबित हो सकती है या नहीं। पृथ्वी की रक्षा के लिए इस तरह की तकनीक का यह पहला प्रदर्शन होगा।
टक्कर के लिए इसलिए चुना डिमॉरफस को
नासा के प्लानेट्री डिफेंस ऑफिसर लिंडले जॉनसन के मुताबिक, डिमॉरफस एक ऐसा क्षुद्रग्रह है जिससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है, इसलिए इसे परीक्षण के लिए चुना गया है। इस पूरी घटना को पृथ्वी से दूरबीन के जरिये देखा जा सकेगा। इस टक्कर की मिनिएचर कैमरा से तस्वीरे भी ली जा सकेंगी।
इसलिए है इस मिशन की जरूरत
यह एक सुपरिचित वैज्ञानिक तथ्य है कि हमारी पृथ्वी जिस पथ पर गतिमान है, वहां निर्वात या शून्य है। इस वजह से किसी अन्य खगोलीय पिंड से पृथ्वी के टकराने की गुंजाइश कम है, लेकिन आए दिन किसी क्षुद्रग्रह या धूमकेतु के पृथ्वी के आसपास से गुजरने की खबरें आती रहती हैं। हमारा सूर्य स्वयं 792,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा कर रहा है। ऐसे में कई बार नजदीक से गुजरते किसी आकाशीय पिंड या तारे की वजह से ऐसी स्थिति बनती है कि उस तारे और सूर्य की साझा गुरुत्वाकर्षण शक्ति क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं को उनके पथ से विचलित कर देती है, जिससे ये छिटक कर सौरमंडल के भीतर 4.5 करोड़ किमी तक पहुंच जाते हैं और पृथ्वी के लिए खतरा बन जाते हैं। हालांकि खतरा सिर्फ 30 मीटर से ज्यादा आकार के पिंड से होता है। 6.5 करोड़ साल पहले ऐसे ही एक पिंड की टक्कर से पृथ्वी पर डायनासोर और बड़े-बड़े प्राणियों का अंत हो गया था।
समय रहते कार्रवाई की जा सकेगी
अभी तक ऐसे किसी क्षुद्रग्रह के बारे में जानकारी नहीं मिली है जिससे निकट भविष्य में पृथ्वी को नुकसान पहुंचने वाला हो, लेकिन धरती के आसपास अंतरिक्ष में बड़ी संख्या में क्षुद्रग्रह हैं। नासा का प्रयास ऐसी तकनीक विकसित करना है जिससे कि भविष्य में पृथ्वी को खतरा पैदा होने की स्थिति में समय रहते कार्रवाई की जा सके। लिंडले जॉनसन, प्लानेट्री डिफेंस ऑफिसर, नासा