Sharad Purnima 2021: शरद पूर्णिमा के अवसर पर चांद की खिली हुई चांदनी, चांदी के पात्र में रखी हुई सूखे मेवे, चांदी के बर्क से सजी हुई स्वादिष्ट खीर और धन को साथ सौभाग्य की प्राप्ति के लिए दौलत की देवी महालक्ष्मी की आराधना का विशेष महत्व है। इस साल शरद पूर्णिमा सर्वाथ सिद्धि योग में मनाई जाएगी। आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
तिथि और शुभ मुहूर्त
तिथि – 19 अक्टूबर 2021, मंगलवार
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 19 अक्टूबर 2021 को शाम 07 बजे से
पूर्णिमा तिथि समापन- 20 अक्टूबर 2021 को रात्रि 08 बजकर 20 मिनट पर
शरद पूर्णिमा पूजा विधि
- शरद पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करें।
- यदि नदी में स्नान नहीं कर सकते तो घर पर ही पानी में गंगाजल या किसी पवित्र नदी का जल डालकर स्नाना करे और उसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- अब एक लकड़ी की चौकी को गंगाजल से शुद्ध करें और लाल कपड़ा बिछाएं।
- चौकी के ऊपर देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें और लाल चुनरी समर्पित करें।
- लाल फूल, इत्र, नैवेद्य, धूप-दीप, सुपारी आदि से मां लक्ष्मी का विधिवत पूजन करें।
- पूजन कर मां लक्ष्मी के समक्ष लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
- पूजन संपन्न होने के बाद देवी लक्ष्मी की आरती करें।
- संध्याकाल में पुनः देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का पूजन करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।
- चावल और गाय के दूध की खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में कुछ समय के लिए रखें।
- मध्य रात्रि में मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और प्रसाद के रुप में परिवार के सभी सदस्यों में वितरित करें।