नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्रालय ने तालिबान को लेकर एक जरूरी जानकारी दी है। भारत ने अफगानिस्तान मुद्दे पर तालिबान से बातचीत की है। यह पहली बार है जब तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा किए जाने के बाद भारत ने आधिकारिक तौर पर तालिबान से बातचीत की है। बातचीत अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की सकुशल वापसी और अफगानिस्तान को लेकर भारत की चिंताओं पर केंद्रित रही। विदेश मंत्रालय ने बताया है कि 31 अगस्त को कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान के दोहा राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्टनेकजई से मुलाकात की है। भारत ने कहा है कि बातचीत तालिबान के अनुरोध पर दोहा स्थित भारतीय दूतावास में हुई है।
भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर हुई बात
भारत की ओर से जानकारी दी गई कि तालिबान से बातचीत अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनकी भारत वापसी पर चर्चा केंद्रित रही है। राजदूत मित्तल ने इस बात पर चिंता जताई है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए। भारत के इन मसलों को लेकर शेर मोहम्मद अब्बास स्टनेकजई ने आश्वासन दिया है कि इन मुद्दों को सकारात्मक नजरिए से संबोधित किया जाएगा।
भारत से बेहतर रिश्तों की वकालात की
बता दें कि हालिया दिनों में तालिबान नेताओं ने कई बार कहा है कि भारत इस क्षेत्र का अहम देश है और हम भारत से अच्छे रिश्ते चाहते हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान में भारतीय निवेश का स्वागत किया है और कहा है भारत अफगानिस्तान में प्रोजेक्ट्स पर काम करना जारी रख सकता है। तालिबान ने लगातार दावा किया है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं किया जाएगा।