BRICS New Member: भारत की पहल से ब्रिक्स में छह नए देश शामिल हो गए हैं। ब्रिक्स देशों के समूह से अर्जेंटीना, मिस्त्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हुए हैं। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने गुरुवार को कहा कि एक जनवरी से नए सदस्य ब्रिक्स(BRICS) का हिस्सा बन जाएंगे। रामफोसा ने कहा कि हम ब्रिक्स के साथ साझेदारी बनाने में अन्य देशों के हितों को महत्व देते हैं। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने इस फैसले की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के साथ संयुक्त मीडिया ब्रीफिंग में की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि तीन दिनों के विचार-विमर्श से कई सकारात्मक नतीजे निकले। पीएम मोदी 24 अगस्त तक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने ब्रिक्स के विस्तार का हमेशा पूरा समर्थन किया है। हमारा मानना है कि नए सदस्यों के जुड़ने से समूह और मजबूत होगा। मोदी ने कहा कि बहुध्रुवीय दुनिया में कई देशों के विश्वास को ब्रिक्स(BRICS) के विस्तार का निर्णय और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि खुशी है कि हमारी टीम ब्रिक्स के विस्तार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों, प्रक्रियाओं पर एक साथ सहमत हुई हैं। नए सभी साथियों के साथ भारत के बहुत गहरे संबंध रहे हैं।
ब्रिक्स(BRICS) में शामिल होने के लिए 23 देशों ने दी थी अर्जी
BRICS यानी पांच विकासशील देश ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का समूह है, जो विश्व की 41 प्रतिशत आबादी है। यह समूह 24 प्रतिशत वैश्विक जीडीपी और 16 प्रतिशत वैश्विक कारोबार का प्रतिनिधित्व करता है। अब अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात भी समूह में शामिल हो गया है। इससे पहले सोमवार को विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया था कि इस गुट में शामिल होने के लिए विभिन्न देश इच्छुक हैं।
23 देशों ने ब्रिक्स(BRICS) में शामिल होने के लिए अर्जियां दी हैं। ब्रिक्स(BRICS) में विस्तार पर मंगलवार की शाम को लीडर्स रिट्रीट के दौरान विस्तार से चर्चा हुई थी। इसमें पीएम मोदी और ब्रिक्स(BRICS) देशों के अन्य नेता शामिल हुए। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव शामिल हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि लीडर्स रिट्रीट के दौरान नए सदस्यों के चयन में सर्वसम्मति बनाने में भारत ने अहम भूमिका निभाई है।